क्यों दर्शकों का दिल जीतने में नाकाम रही रोहित शेट्टी की इंडियन पुलिस फोर्स, पढ़ें रिव्यू
Indian Police Force Review (अश्विनी कुमार) : बॉलीवुड डायरेक्टर रोहित शेट्टी की कॉप यूनिवर्स में शामिल फिल्में सिंघम, सिंघम अगेन, सिंबा और सूर्यवंशी अब तक दर्शकों को काफी एंटरटेन करती आई हैं। अब डायरेक्टर ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपना डेब्यू किया है। रोहित ने ओटीटी पर अपने कॉप यूनीवर्स को बढ़ाने का ऐलान काफी पहले ही कर दिया था। आज 19 जनवरी को उनकी बेव सीरीज 'इंडियन पुलिस फोर्स' अमेजॉन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो गई है। सात एपिसोड वाली इस सीरीज का ट्रेलर कुछ दिनों पहले ही रिलीज हुआ था जिसमें पुलिस वाली दमदार वर्दी में बड़ी स्टार कास्ट देखने को मिली थी। बड़े बजट से बनी वेब सीरीज 'इंडियन पुलिस फोर्स' के जरिए रोहित शेट्टी ने ईशारा भी दिया। लेकिन इतनी मेहनत करने के बावजूद वह कहानी में कुछ खास कमाल करते हुए नहीं दिखा सके।
उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सीरीज
अपनी वेब सीरीज 'इंडियन पुलिस फोर्स' को दमदार बनाने के लिए रोहित शेट्टी ने दिल्ली के बाटला हाउस में ब्लॉस्ट की जगहों को नाम बदलकर शूट किया। कहानी के बीच में उन्होंने इंडिया गेट, नॉर्थ ब्लॉक–साउथ ब्लॉक और करोल बाग में लगी हनुमान जी की मूर्ति के सीन्स भी डाले जबकि चांदनी चौक और बाटला हाउस के कुछ इलाकों को मुंबई में डिजाइन किया। लेकिन इन सारी कोशिशों में काफी कमी देखने को मिली। कई सीन्स यहां इंडियन पुलिस को भी निराश कर सकती है।
जानें क्या है स्टोरी
वेब सीरीज 'इंडियन पुलिस फोर्स' की कहानी की बात करें तो दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट हुए और स्पेशल सेल के ऑफिसर्स की ड्रेस मे रोहित शेट्टी की पूरी स्टार कास्ट स्लो मोशन से एंट्री करते हुए दिखे। ब्लास्ट के बाद आतंकियों को पकड़ने के लिए स्पेशल सेल दिल्ली के चांदनी चौक में पहुंचती है। यहां फोर्स आतंकियों पर अटैक करने से पहले स्पेशल सेल लिखी जैकेट पहनती है। लेकिन जैसे ही टेरेरिस्टों की गोली उनकी जैकेट को भेदती है तो पता चलता है, कि जैकेट बुलेट प्रूफ है ही नहीं। बल्कि स्पेशल सेल के लोगों की पहचान आतंकियों को कराने के लिए पहनाई गई जैकेट है। खैर स्पेशल टीम के हेड बने विवेक ओबेरॉय ब्लास्ट के मास्टर माइंड को सामने पकड़ने के बाद, इसलिए छोड़कर सीने पर गोली खा लेता है क्योंकि उसने बच्चे की गर्दन पकड़ रखी थी, वो भी बिना हथियार के।
लव स्टोरी पर समय बर्बाद
सात एपिसोड वाली वेब सीरीज में रोहित शेट्टी ने काफी समय फिल्म के विलेन, मास्टर माइंड टेरेरिस्ट हैदर उर्फ़ ज़रार की लव स्टोरी को सेट करने में खर्च कर दिया। ऐसा कह सकते हैं कि टेरेरिस्ट सीरीज़ के हीरो सिद्धार्थ मल्होत्रा से ज़्यादा रोमांटिक है, वो गाने-गाता है... और विलेन तो कहीं से नहीं दिखते। डेढ़ एपिसोड कबीर बने सिद्धार्थ मल्होत्रा को देश भक्त मुसलमान और उन्हे टेररिस्ट को ये समझाने-सिखाने में लगा दिए कि कुछ मुसलमानों की वजह से सब पर उंगली उठती है। बाकी टाइम एक्शन, कार चेज़, अपनी फेवरिट शूटिंग लोकेशन गोवा को सेट करने में लगा दिए।
बड़े बजट के बावजूद हाथ लगी निराशा
इंडियन पुलिस फोर्स में एक्शन और स्लो-मोशन सीन्स पर जितना काम किया गया है, उसका 10 परसेंट भी डायलॉग्स, कैरेक्टर और कहानी पर काम किया जाता, तो इतने बजट में कुछ बहुत शानदार बनता। बात करें अगर मेन हीरो सिद्धार्थ मल्होत्रा की तो उनके सिंघम और सूर्यवंशी जैसा बनने का सपना रोहित शेट्टी ने तोड़ दिया है। शिल्पा से उन्होंने काफी एक्शन कराए लेकिन गुजरात एटीएस की चीफ़ को डीसीपी के पीछे खड़ा कर दिया। ज्वाइंट सीपी विक्रम बने विवेक ओबेरॉय के साथ तो सरासर ना-इंसाफ़ी हुई है। शरद केलकर भी इस हैवी ड्यूटी सीरीज़ के झांसे में फंस गए।
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