फिल्म की कमाई से ज्यादा जरूरी है कंटेंट, ‘Khel Khel Mein’ के निर्देशक मुदस्सर अजीज का बड़ा बयान

Khel Khel Mein: मुदस्सर अजीज खुश हैं कि उनकी फिल्म ‘खेल खेल में’ का कंटेंट दर्शकों को भा रहा है। बॉक्स ऑफिस की कमाई से ज्यादा अहम है फिल्म की क्वालिटी।

featuredImage

Advertisement

Advertisement

Khel Khel Mein: बॉलीवुड में अक्सर देखा जाता है कि फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर कमाई उसकी सफलता का Criteria बन जाती है। हालांकि, 'खेल खेल में' के निर्देशक मुदस्सर अजीज इस बार दर्शकों के बदलते रुझानों से खुश हैं। उनका मानना है कि अब फिल्म के कंटेंट को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है, न कि केवल उसकी कमाई को। ‘खेल खेल में’ का मुकाबला 'स्त्री 2' और 'वेदा' जैसी बड़ी हिट्स से हुआ, जिससे इसके बॉक्स ऑफिस पर शुरुआती दिन चैलेंजिंग रहे। लेकिन अब, फिल्म ने अपनी पहचान बनाई है और चर्चा का केंद्र इसके कंटेंट पर है।

यह भी पढ़े: Bigg Boss 18 को 1 नहीं 7 सेलेब्स ने मारी लात, ‘नागिन’ से लेकर हाईएस्ट पेड एक्ट्रेस तक ने किया शो से किनारा

फिल्म की शुरुआत में हुआ था तनाव

मुदस्सर अजीज ने 'खेल खेल में' की शुरुआत में हुई कठिनाइयों का खुलासा भी किया। उन्होंने कहा, "ये कहना गलत होगा कि शुरुआत में बॉक्स ऑफिस की कमाई से मुझको झटका नहीं लगा।" लेकिन वे अब इस बात से खुश हैं कि दर्शकों और फिल्म को क्रिटिसाइज करने वाले लोग ने भी फिल्म को उसकी क्वालिटी के आधार पर सराहा है। उन्होंने यह भी बताया कि एक फिल्म मेकर के लिए दर्शकों के रिएक्शन ही असली परीक्षा होती हैं।

‘खेल खेल में’ की 'कांतारा' और 'पुष्पा' से की तुलना

मुदस्सर अजीज ने 'खेल खेल में' की तुलना 'कांतारा' और 'पुष्पा: द राइज' जैसी फिल्मों से की। इन फिल्मों ने भी शुरुआत में धीमी कमाई की थी लेकिन धीरे-धीरे पॉपुलैरिटी हासिल की। अजीज का कहना है, "इन फिल्मों ने भी शुरुआत में बड़ा धमाका नहीं किया था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी कमाई बढ़ी।" वे खुश हैं कि 'खेल खेल में' भी इसी मार्ग पर चल रही है और आशा करते हैं कि यह फिल्म भी दर्शकों के बीच अपनी जगह बनाएगी।

यह भी पढ़े: पहले बार‍िश फ‍िर तूफान अब गुजरात पर नई आफत, सड़कों पर घूम रहे मगरमच्‍छ

कंटेंट पर ध्यान: फिल्म इंडस्ट्री को दिया ये मेसेज 

उन्होंने कहा,'खेल खेल में' यह संदेश देती है कि कंटेंट को समय और सही ऑडियंस मिलते ही उसकी असली पहचान बनती है। मुदस्सर अजीज का मानना है कि दर्शकों की Content-centric सोच फिल्मों की कला को प्रोत्साहित करती है। वे आशा करते हैं कि इस ट्रेंड के चलते फिल्में उनके आर्टिस्टिक पहलू के लिए जानी जाएंगी, न कि केवल बॉक्स ऑफिस की कमाई के आधार पर।

मुदस्सर अजीज के लिए ‘खेल खेल में’ की यात्रा एक Inspirational एक्साम्प्ल है कि कैसे अच्छी फिल्में समय ले सकती हैं, लेकिन अंततः उनकी क्वालिटी दर्शकों और आलोचकों द्वारा पहचानी जाती है। इस बदलती सोच से भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कंटेंट को प्राथमिकता मिलने की संभावना है, जो फिल्म मेकर्स को अपनी कला पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

Open in App
Tags :