Sharda Sinha की कुल संपत्ति कितनी? दिल्ली के एम्स में तोड़ा दम
Sharda Sinha Net Worth: बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश की फिजाओं में एक खूबसूरत आवाज हर साल छठ के मौके पर गूंजती है, वो आवाज है स्वर कोकिला कही जाने वालीं शारदा सिन्हा की, जो फिलहाल दिल्ली के एम्स में भर्ती थीं। शारदा सिन्हा के लोक गीत हर भारतीय के दिल में बसे हुए हैं। छठ पूजा के गीतों से लेकर बॉलीवुड के कुछ मशहूर गानों तक शारदा की आवाज ने हर जगह अपना जादू बिखेरा है।
मायलोमा कैंसर से जूझ रही हैं लोक गायिका
शारदा सिन्हा ने अब दम तोड़ दिया है। 72 साल की शारदा मायलोमा कैंसर से जूझ रही थीं और फिलहाल एम्स अस्पताल के आईसीयू में थीं। इस कठिन समय में उनके चाहने वाले दुआ कर रहे थे कि वो जल्दी ठीक हो जाएं। इसी बीच जब शारदा सिन्हा की खराब सेहत के बारे में जैसे ही पीएम मोदी को जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत उनके परिवार से फोन पर बात की थी।
शारदा सिन्हा की कुल संपत्ति
बिहार के सुपौल जिले में जन्मी शारदा सिन्हा की आवाज ने बचपन से ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली थी। उनकी छवि लाल बिंदी, सिंदूर से सजी मांग और चश्मा पहने, हर संगीत प्रेमी के दिल में गहरी छाप छोड़ गई। उनका संगीत आज भी दिल को सुकून देने वाला है।
जहां तक उनकी संपत्ति का सवाल है, शारदा सिन्हा की कुल संपत्ति का कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन 'डीएनए इंडिया' की रिपोर्ट के मुताबिक उनकी संपत्ति का अनुमान 20 से 50 लाख डॉलर यानी करीब 16 से 42 करोड़ रुपये के बीच लगाया गया है। शारदा के परिवार में उनके दो बच्चे हैं- बेटा अंशुमान सिन्हा और बेटी वंदना।
शारदा सिन्हा के फेमस गीत
शारदा सिन्हा के मशहूर छठ गीतों की बात करें तो 'दुखवा मिटाईं छठी मइया' ना ही सिर्फ बिहार बल्कि दुनिया भर में बसे भारतीयों के दिलों में गूंजता है। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने हाल ही में दिल्ली के एम्स से शारदा सिन्हा के एक और फेमस छठ गीत को रिलीज किया। इसके अलावा शारदा ने बॉलीवुड में भी अपनी आवाज दी है। फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का गीत 'तार बिजली से पतले हमारे पिया' और 'मैंने प्यार किया' का 'कहे तोसे सजना' आज भी फैंस के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
शारदा सिन्हा का करियर भारतीय लोक संगीत में एक मील का पत्थर माना जाता है। उन्होंने अपनी गायकी की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से की थी और बाद में दूरदर्शन पर भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी। धीरे-धीरे उन्होंने लोक गायन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके छठ गीत न सिर्फ बिहार में, बल्कि देश के बाकी हिस्सों में भी बहुत लोकप्रिय हैं।
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