Pankaj Udhas Untold Facts: जब फैन ने कनपटी पर तानी थी बंदूक, डर के मारे सिंगर ने गाई थी गजल
Ghazal Singer Pankaj Udhas Untold Facts: चिट्ठी आई है, आई है, चिट्ठी आई है...गाना सुनकर आज भी लोगों की आंखें भर आती हैं, लेकिन इस गीत को आवाज देने वाले बॉलीवुड के मशहूर सिंगर पंकज उधास (Pankaj Udhas) आज इस दुनिया को अलविदा कह गए।
मशहूर गजल गायक ने 73 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वे लंबे समय से पैंक्रियाज की बीमारी से जूझ रहे थे। सिंगर की फैमिली ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी करके उनके निधन की खबर दुनिया को दी। वहीं सिंगर के अचानक चले जाने से बॉलीवुड इंडस्ट्री में मातम पसर गया है। आइए सिंगर से जुड़े कुछ अनसुने किस्सों के बारे जानते हैं...
6 साल की उम्र से सिंगिंग
पंकज उधास ने 6 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। उन्हें उनके पिता और बड़े भाई ने गायकी के गुर सिखाए। म्यूनिसिपल स्कूल में प्रार्थना सभी में प्रार्थना गाकर वे अभ्यास किया करते थे।
माता की चौकी में गाया था 'ऐ मेरे वतन के लोगों'
पंकज उधास की कॉलोनी में माता की चौकी लगी थी। स्कूल के एक स्टाफ चौकी में आए थे, जिन्होंने स्कूल में पंकज की आवाज सुनी थी तो उन्होंने चौकी में उनसे गाने की फरमाइश कर दी। सभी के कहने पर उन्होंने लता मंगेशकर का गाना 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाया था, जिसे सुनकर एक श्रोता ने उन्हें 51 रुपये दिए थे।
21 साल की उम्र में पहला ब्रेक
पंकज उधास को 21 साल की उम्र में फिल्मों में गाना गाने का मौका मिला था। यह मौका उषा खन्ना ने दिया था। 1972 में आई मूवी कामना में पंकज उधास ने 'तुम कभी सामने आ जाओगे' गीत गाया था।
दूसरे धर्म की लड़की से शादी
पंकज उधास को पड़ोस में रहने वाली दूसरे धर्म की लड़की फरीदा से इश्क हुआ था, जिसके साथ शादी उन्होंने फरीदा के परिवार वालों के मान जाने के बाद ही की थी। नायाब और रेवा उनकी बेटियों के नाम हैं।
संगीत एकेडमी से ली ट्रेनिंग
पंकज उधास ने 4 साल संगीत की ट्रेनिंग राजकोट की संगीत नाट्य एकेडमी से ली। उनकी मां को गायकी का शौक था, इसलिए घर में बचपन से ही संगीत की ट्रेनिंग मिलने लगी थी।
फैन ने बंदूक तानी, डर कर गाई गजल
पंकज उधास का आवाज सुनने के लिए लोग इतने पागल थे कि एक फैन ने उनकी कनपटी पर बंदूक तान दी थी। स्टेज पर आकर श्रोता ने गजल गाने को कहा, लेकिन उसका व्यवहार देखकर उन्होंने गजल गाने से इनकार कर दिया। इनकार सुनकर श्रोता भड़क गया और पिस्तौल निकालकर उनकी कनपटी पर तान दी थी। तब उन्होंने डर के मारे गजल गाई थी।
चिट्ठी आई है...सुनकर राज कपूर हुए भावुक
राजेंद्र कुमार के घर डिनर के बाद राज कुमार ने म्यूजिक की डिमांड की। राजेंद्र कुमार उन्हें पंकज उधास की गजल सुनाई, जिसके बोल थे- चिट्ठी आई है...गजल सुनकर वे इतने भावुक हुए कि उनकी आंखें छलक गईं।