ट्रेन की टिकट के पैसे को तरसा एक्टर कौन? जिसने एक साथ दीं 7 ब्लॉकबस्टर, कहलाए जुबली किंग
Rajendra Kumar: फिल्म इंडस्ट्री के कई चेहरे ऐसे होते हैं, जो अपनी लगन और मेहनत से इंडस्ट्री में अपनी एक अलग जगह बनाते हैं, लेकिन इतनी मेहनत के बाद भी वो उस सीढ़ी पर नहीं चढ़ पाते जिसकी उन्हें चाह होती है। आज हम आपको एक ऐसे ही चेहरे के बारे में बता रहे हैं, जिनकी शुरुआत तो बेहद खराब रही, लेकिन फिर उन्होंने ऐसा कमाल किया कि एक के बाद एक कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दे डाली। हालांकि पॉपुलैरिटी की उस मुकाम पर जाकर भी वो बाद में दिवालिया ही निकलें।
50 रुपये लेकर भारत आए थे अभिनेता
दरअसल, हम बात कर रहे हैं अभिनेता राजेंद्र कुमार की। जी हां, ये एक ऐसे एक्टर रहे हैं, जिनको फिल्म इंडस्ट्री में स्टारडम तो मिला, लेकिन कुछ खास नहीं रहा। शुरू में असफलता के बाद एक साथ 7 ब्लॉकबस्टर फिल्में देनें वाले राजेंद्र बाद में दिवालिया हो गए। एक जमाना था जब राजेंद्र सिर्फ 50 रुपये लेकर भारत आए थे और दर्शकों के दिलों में उन्होंने अपनी जगह बनाई था।
दिवालिया हुए राजेंद्र
राजेंद्र को जितनी जल्दी सफलता मिली थी उतनी ही जल्दी उनका फेम नीचे आ गिरा था। जैसे ही राजेंद्र दिवालिया हुए, तो उन्हें अपना बंगला उसकी कीमत से भी कम दामों पर बेचना पड़ा था। राजेंद्र कुमार को बॉलीवुड के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। साल 1949 में अपने करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने चार दशकों से अधिक लंबे करियर में 80 से अधिक फिल्मों में काम किया। 1960 के दशक के दौरान उन्हें जुबली कुमार के नाम से जाना जाने लगा।
Rajendra Kumar
गेस्ट हाउस में किराए पर ट्रेंच लिया
राजेंद्र कुमार ब्रिटिश भारत के पंजाब के सेलकोट में रहते थे। हालांकि विभाजन के दौरा, उनके परिवार को अपनी सारी संपत्ति छोड़कर भारत आना पड़ा था। जब राजेंद्र कुमार को अभिनय की दुनिया में कदम रखने का मौका मिला, तो उनके पास केवल 50 रुपये थे, जिसे उन्होंने अपने पिता की घड़ी बेचकर 50 रुपये में खरीदा था। उनके पास ट्रेन टिकट खरीदने के भी पैसे नहीं थे और वह एक गेस्ट हाउस में किराए पर ट्रेंच लेकर रहते थे।
Rajendra Kumar
कई फिल्मों में किया काम
अभिनेता ने अपने करियर की शुरुआत 'पतंगा और जोगन' जैसी फिल्मों में छोटे अभिनय से की थी। हालांकि एक्टर को पहचान फिल्म 'वचन' से ही मिली थी। इसके बाद मेहबूब खान की एपिक ड्रामा फिल्म 'मदर इंडिया' आई जो बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट रही। इसके बाद उन्होंने लगातार सात ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं और 1960 के दशक तक वह सुपरस्टार बन गए। उनकी कुछ ब्लॉकबस्टर फिल्मों में 'मुगल-ए-आजम', 'आई मिलन की बेला', 'मेरे महबूब', 'आस का पंछी', 'घराना' जैसी फिल्में शामिल हैं।
कम कीमत में बेचा बंगला
इसके अलावा उन्होंने 'डाकू और महात्मा', 'शिरडी के साईं बाबा', 'सोने का दिल लोहे के हाथ', 'आहुति', 'साजन बिना सुहागन' और 'बिन फेरे हम तेरे' जैसी फिल्मों में अभिनय किया है। हालांकि एक टाइम ऐसा भी आया जब एक्टर दिवालिया हो गए थे और उन्हें अपना बंगला राजेश खन्ना को बेचना पड़ा था, जिसकी कीमत बहुत कम थी।उन्होंने कथित तौर पर इसे केवल 3.5 लाख रुपये में बेच दिया।
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