Remo D'Souza ने खटखटाया SC का दरवाजा, नोटिस जारी, जानें पूरा मामला
Remo D Souza fraud case: मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, कोरियोग्राफर अपने खिलाफ चल रहे धोखाधड़ी के केस से पीछा छुड़ाना चाहते हैं और इसलिए हाथ-पैर मार रहे हैं। रेमो ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। वहीं, अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने जारी किया नोटिस
दरअसल, जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने इस केस के शिकायतकर्ता के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए मुकदमे पर रोक लगाने से मना किया है और कहा है कि अगले सप्ताह इस मामले की सुनवाई करेंगे। सुनवाई में जब जजों ने रेमो के वकील से पूछा कि 2020 में कोर्ट से जारी समन को 2024 में रद्द करवाने के लिए वो सुप्रीम कोर्ट क्यों आए? इस पर वकील ने जवाब दिया कि हाई कोर्ट में उनकी रिवीजन याचिका लंबित थी। इस पर बेंच ने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से समन को चुनौती देने में देरी नहीं की है और इसलिए केस से जुड़े पक्षों को नोटिस जारी किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि रेमो से जुड़ा धोखाधड़ी का ये मामला आज का नहीं है बल्कि आठ साल पुराना है। कोरियोग्राफर पर आरोप है कि उन्होंने गाजियाबाद के कारोबारी सत्येंद्र त्यागी को लालच देकर उनके साथ ठगी की है। रिपोर्ट की मानें तो कहा गया कि रेमो ने सत्येंद्र को एक साल में 10 करोड़ वापस करने का लालच देकर फिल्म में 5 करोड़ लगवाए, लेकिन जब सत्येंद्र ने अपने पैसे वापस मांगे तो कोरियोग्राफर ने सत्येंद्र को अंडरवर्ल्ड डॉन प्रसाद पुजारी से धमकी दिलवा दी। हालांकि, पुलिस इस मामले में जांच पूरी कर रेमो के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट पहले ही केस रद्द करने से मना कर चुकी है।
रेमो पर कब हुआ था केस?
गौरतलब है कि जब रेमो ने सत्येंद्र त्यागी ने की बात नहीं सुनी, तो उन्होंने 16 दिसंबर 2016 को बॉलीवुड कोरियोग्राफर के खिलाफ ये केस दायर किया था। हालांकि, जब रेमो ने प्रसाद पुजारी से धमकी दिलवाई तो इस केस में पुलिस ने जांच भी की। जांच के बाद पुलिस ने प्रसाद पुजारी और रेमो के खिलाफ IPC की धारा 420, 406 और 386 के तहत गाजियाबाद की ट्रायल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।
कोरियोग्राफर की याचिका को किया था खारिज
आरोप पत्र दायर होने के बाद ट्रायल कोर्ट ने रेमो को एक समन जारी किया, जिसके अनुसार रेमो को कोर्ट में उपस्थित होना था। हालांकि, रेमो के वकील ने कोर्ट में कहा कि रेमो पर लगे आरोप झूठे हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है, जिस पर सत्येंद्र के वकीलों ने उनके तर्क का विरोध किया और इसके बाद कोर्ट ने कोरियोग्राफर की याचिका को खारिज कर दिया था।
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