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दारा सिंह को तो सब जानते हैं पर क्या मिले हैं उनके 'बाहुबली' भाई से? सुपरस्टार एक्ट्रेस की बहन भी हो गई थी फिदा

Sardar Singh Randhawa: आज हम आपको एक ऐसे 'फौलाद' के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ना सिर्फ फिल्मों में अपना जलवा दिखाया बल्कि वो दिखते भी 'फौलाद' की तरह ही। अगर आप भी इनके बारे में नहीं जानते हैं, तो आइए आपको बताते हैं...
10:10 AM Jun 06, 2024 IST | Nancy Tomar
Sardar Singh Randhawa
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Sardar Singh Randhawa: किसी भी काम को करने के लिए हर इंसान को जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। हर कोई अपनी लाइफ में आगे बढ़ने के लिए जी-जान एक करता है। फिर चाहे वो कोई आन इंसान हो या फिर कोई सेलेब। फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से ऐसे नाम हैं, जिन्होंने अपने करियर में खूब सक्सेस हासिल की है और नाम कमाया है। हालांकि वक्त के साथ लोगों के मन में उनकी यादें भी धुंधली होती जाती हैं। अगर आपके मन में भी सरदार सिंह रंधावा की यादें धुंधली हो गई हैं, तो आज हम फिर से ताजा कर देते हैं।

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1933 में हुआ था जन्म

सरदार सिंह रंधावा जिन्हें लोग रंधावा के नाम से भी जानते थे। साल 1933 में सूरत सिंह और बलवंत कौर के घर पंजाब के अमृतसर जिले के एक गांव धर्मूचक में रंधावा का जन्म हुआ था। रंधावा पेशे ने ना सिर्फ एक एक्टर थे बल्कि एक रेसलर भी थे। बता दें कि रंधावा पहलवान और अभिनेता दीदार सिंह रंधावा यानी दारा सिंह के छोटे भाई थे। रंधावा बचपने से ही पढ़ने में अच्छे थे और अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से लेकर वो दारा सिंह के पास सिंगापुर चले गए थे।

Sardar Singh Randhawa

रंधावा की कद-काठी थी बेहज गजब की

जी हां, दारा सिंह खुद अपने चाचा के साथ सिंगापुर जाकर रहने लगे थे और फिर रंधावा भी उनके पास जाकर रहने लगे। दारा सिंह सिंगापुर में ड्रम बनाने वाली मिल में काम करने के साथ-साथ कुश्ती भी लड़ा करते थे और इसे उन्हें अच्छी खासी पहचान मिल गई थी। धीरे-धीरे उनका नाम मशहूर होने लगा था। इसके बाद जब रंधावा सिंगापुर गए तो साल 1952 में उन्होंने अपने कुश्ती करियर की शुरुआत की थी। दारा सिंह की तरह ही रंधावा की कद-काठी भी बेहद गजब की थी, जिसे देखकर लोग उनके ऐसे ही दिवाने हो जाते थे।

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पहलवान और निगेटिव रोल वाली फिल्मों में दिखाया जलवा

इसके बाद धीरे-धीरे रंधावा ने एक्टिंग का रुख किया और इसमें अपना करियर बनाने की सोची। साल 1963 में रंधावा की पहली फिल्म 'आवारा अब्दुल्ला' रिलीज हुई थी। चूंकि रंधावा की कद-काठी बेहद शानदार थी, तो वो ज्यादातर फिल्में पहलवान और निगेटिव रोल वाली ही किया करते थे। हालांकि रंधावा ने कई भक्ति वाली फिल्मों में भी अपना जलवा दिखाया है।

Sardar Singh Randhawa

अभिनेत्री मुमताज के बहनोई थे रंधावा 

बता दें कि रंधावा ने फौलाद, टार्जन और किंग कांग, नसीहत, आदमी और इंसान, जॉनी मेरा नाम, अंदाज, भक्ति में शक्ति और जुर्म सहित कई हिंदी फिल्मों में अपना जलवा दिखाया है। इसके अलावा रंधावा ने पंजाबी फिल्मों में भी काम किया था, जिनमें उन्होंने मुख्य भूमिकाओं से लेकर छोटे-बड़े हर तरह के किरदार निभाए हैं। इसके साथ ही अगर उनकी पर्सनल लाइफ की बात करें तो रिश्ते में वे अभिनेत्री मुमताज के बहनोई लगते थे। जी हां, 70 के दशक में उन्होंने अभिनेत्री मल्लिका से शादी की थी, जो उस समय की मशहूर अभिनेत्री मुमता की बहन हैं।

पति-पत्नी ने पर्दे पर साथ किया काम

हालांकि मल्लिका भी 60 और 70 के दशक की अभिनेत्री हुआ करतीं थीं। मल्लिका ने भी अपने करियर में कई बड़ी फिल्मों में शानदार भूमिकाएं निभाईं हैं। इसके साथ ही उन्होंने पर्दे पर अपने पति रंधावा संग भी काम किया है। कपल ने एक साथ 'दो मतवाले' (1966) के अलावा कई फिल्मों में काम किया है। हालांकि धीरे-धीरे मल्लिका ने एक्टिंग से दूरी बना ली थी। दोनों के तीन बच्चे थे और साल 2013 में 21 अक्टूबर को सरदार सिंह रंधावा का निधन हो गया था।

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