Vitiligo Disease क्या बीमारी? जिससे जूझ रहे Tamannaah Bhatia के बॉयफ्रेंड Vijay Varma
What is Vitiligo Disease Suffered by Vijay Varma: 'मिर्जापुर', 'गली बॉय' और 'डार्लिंग' से जबरदस्त पहचान बनाने वाले बॉलीवुड एक्टर विजय वर्मा ने हाल ही में खुलासा किया है कि वो एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। तमन्ना भाटिया के रूमर्ड बॉयफ्रेंड विजय वर्मा को लेकर जब से इस बीमारी के बारे में पता चला है, उनके फैंस काफी चिंता में हैं। आखिर क्या है ये बीमारी विटिलिगो और इसके लक्षण और उपाय, चलिए आपको बताते हैं।
क्या है विटिलिगो बीमारी?
विटिलिगो, जिसे आम भाषा में सफेद दाग कहा जाता है, एक ऐसी त्वचा संबंधी समस्या है जो शरीर के अलग-अलग हिस्सों में सफेद धब्बों के रूप में दिखाई देती है। इस बीमारी का सामना बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता विजय वर्मा भी कर रहे हैं। विजय वर्मा अपने चेहरे के दागों को छिपाने के लिए मेकअप का इस्तेमाल करते हैं और इसे लेकर उन्होंने खुलकर बात भी की है।
विटिलिगो एक दुर्लभ बीमारी है जो तब होती है जब शरीर में मेलानिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं। इस कारण त्वचा के नेचुरल रंग में कमी आ जाती है और सफेद धब्बे बन जाते हैं। ये बीमारी किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन आम तौर पर ये धब्बे चेहरे, हाथ, पैर और होंठ जैसी जगहों पर ज्यादा नजर आते हैं।
विटिलिगो के लक्षण क्या हैं?
विटिलिगो के लक्षणों की बात करें तो सबसे सामान्य लक्षण है, त्वचा पर सफेद धब्बे आना, जो धीरे-धीरे फैलने लगते हैं। अक्सर ये धब्बे सूर्य की रोशनी से संपर्क में आने वाली त्वचा पर दिखाई देते हैं। इसके अलावा कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं जैसे शरीर के एक हिस्से में छोटे सफेद दाग होना, आंखों के रेटिना में रंग का बदलाव और कभी-कभी धब्बों के किनारे पर हल्की लालिमा और खुजली होना।
बीमारी का क्या है इलाज?
इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन उपचार के जरिए से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। डर्मेटोलॉजिस्ट के मुताबिक, विटिलिगो के शुरुआती लक्षणों को कंटोल करने के लिए दवाओं और क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही लेजर उपचार का भी सहारा लिया जा सकता है, जिससे त्वचा में मेलानिन का उत्पादन बढ़ाया जाता है। एक्साईमर लेजर का उपयोग करके यूवीबी प्रकाश की मदद से त्वचा का रंग फिर से वैसा ही किया जा सकता है, जिससे सफेद दाग फैलने से रुक सकते हैं। विटिलिगो की वजह से मानसिक और शारीरिक रूप से व्यक्ति को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है।
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