The Killer Soup Review: पैसे, मर्डर और डबल रोल के खेल वाली अतरंगी सीरीज, दिल जीतने में नाकाम रहे मनोज बाजपेयी
The Killer Soup Review: हिंदी सिनेमा के मंझे हुए कलाकार मनोज बाजपेयी अपने फैंस का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। फिल्मों में अपना शानदार अभिनय दिखाने के बाद अब वह ओटीटी के भी किंग बन चुके हैं। अब मनोज बाजपेयी अपनी वेब सीरीज द किलर सूप लेकर वापस आ गए हैं। सोनचिरैया और इश्किया जैसी फिल्में बनाने वाले अभिषेक चौबे ने जो यह अतरंगी सा सूप बनाया है, इसका असली मसाला क्या है यह तो सीरीज के आखिरी एपिसोड में जाकर पता चलता है। हालांकि आठ एपिसोड की यह सीरीज बहुत ही धीमी चाल से चलती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि इस सूप में किन बातों ने स्वाद बढ़ाया और किन चीजों ने मजा खराब किया।
कैसी है कहानी
द फैमिली मैन के बाद यह मनोज बाजपेयी की दूसरी वेब सीरीज है। हालांकि मनोज बाजपेयी अभिषेक की एक एंथोलॉजी फिल्म में नजर आ चुके हैं, लेकिन मनोज और कोंकणा का यह सूप उतना किलर रहा है, जितना किलर काम यह दोनों अलग-अलग फिल्मों में करते हैं। सीरीज की शुरुआत स्वाति शेट्टी (कोंकणा सेन शर्मा) द्वारा अपने बिजनेसमैन पति प्रभाकर शेट्टी (मनोज बाजपेयी) के लिए पाया सूप बनाने से होती है। वह सूप किसी के गले नहीं उतरता है, इसलिए प्रभाकर उसे किलर कहता है। हालांकि स्वाति खाना बनाना सीख रही होती है। स्वाति का अपना रेस्टोरेंट खलने का भी सपना है। कहानी में प्रभाकर का हमशक्ल भी है, जिसका नाम है उमेश मेहता। उमेश उसकी मसाज करता है और उसके साथ स्वाति का अफेयर भी है। प्रभाकर अपनी पत्नी की जासूसी कराता है, लेकिन जासूस एक हादसे में मारा जाता है। उधर उमेश के हाथों प्रभाकर की हत्या हो जाती है और फिर उमेश दुनिया की नजर में स्वाति का पति बन जाता है।
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मनोज और कोंकणा की एक्टिंग
कोंकणा सेन ने इस सीरीज में अपने किरदार में जमकर मेहनत की है। उन्होंने किलर सूप की कहानी को काफी दिलचस्प बनाया है। हालांकि कहानी में स्वाति का किरदार और भी दिलचस्प हो सकता था। एक तरफ जहां कोंकणा सेन की एक्टिंग लोगों को पसंद आई है वहीं मनोज बाजपेयी ने निराश किया है। कहने को वह भले ही इस सीरीज में डबल रोल में हैं, लेकिन असल में वह दोनों किरदारों में कुछ खास करते हुए नजर नहीं आए। सारा खेल कोंकणा सेन का ही है।
क्यों देखें सीरीज?
किलर सूप की सिनेमेटोग्राफी कमाल की है। हालांकि 45 मिनट के हर एपिसोड की इस कहानी में किरदारों के बारे में बहुत ज्यादा नहीं दिखाया गया है, इस वजह से डेप्थ की कमी नजर आती है। इस सीरीज में हिंदी, इंग्लिश और तमिल तीनों भाषाओं का इस्तेमाल किया गया है। क्राइम थ्रिलर सीरीज में थ्रिलर जैसा तो कुछ नहीं लेकिन क्राइम की क्राइम नजर आएगा। अगर आप साउथ की खूबसूरती और कोंकणा के लिए इस वेब सीरीज को देखना चाहते हैं तो जरूर देखें।