Vijay Diwas: भारत-पाकिस्तान के युद्ध से निकली इन फिल्मों की कहानी, Pippa से Border तक में दिखी सेना की जांबाजी
Vijay Diwas: 16 दिसंबर यह वह तारीख है जो कि भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्णं है। आज ही दिन साल 1971 में भारत ने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे और भारत की वीरता के आगे पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण किया और बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी। 13 दिन चले इस युद्ध में भारत की सेना के कई नायकों के शौर्य को देश सलाम कर रहा है। विजय दिवस (Vijay Diwas) पर भारतीय सैनिकों की देशभक्ति को याद करते हुए हिंदी सिनेमा में कई फिल्में बनाई गई हैं जो कि बहुत अच्छी हैं। तो चलिए एक नजर डाल लेते हैं उन फिल्मों पर।
पिप्पा
हाल ही में पिछले महीने प्राइम वीडियो पर ईशान खट्टर की फिल्म पिप्पा रिलीज हुई है। राजा कृष्ण मेनन द्वारा निर्देशित इस फिल्म में मृणाल ठाकुर और प्रियांशु पेन्युली सहायक भूमिकाओं में नजर आए हैं। फिल्म ब्रिगेडियर बलराम सिंह मेहता की लिखी किताब द बर्निंग चाफीज पर आधारित है। इस फिल्म में सेना की 45वें कैवरली रेजीमेंट का नेतृत्व करने वाले कैप्टन बलराम सिंह मेहता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी मोर्चे पर गरीबपुर की लड़ाई में बहादुरी से लड़े थे। फिल्म में उनकी और एम्फीबियस वॉर टैंक पीटी-76 टैंक 'पिप्पा' की कहानी दिखाई गई है।
भुज द प्राइड ऑफ इंडिया
इस फिल्म में अजय देवगन मुख्य भूमिका में नजर आए थे। इसके अलावा फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा, परिणीति चोपड़ा और एमी विर्क अहम भूमिकाओं में नजर आए थे। फिल्म में कार्निक भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान 300 महिलाओं की मदद से अपने मिशन को पूरा करने और इतिहास रचने का प्रयास करता है।
राजी
राजी आलिया भट्ट और विक्की कौशल की फिल्म थी। इस फिल्म में विक्की कौशल पाकिस्तानी सेना में अधिकारी होते हैं और आलिया भट्ट को उनकी पत्नी के रूप में दिखाया गया है कि जो कि भारत की जासूस बनकर वहां जाती हैं और दुश्मन देश की जानकारी खुफिया तरीके से भारत को देती हैं।
बॉर्डर
संजय दत्त, अक्षय खन्ना, सुनील शेट्टी, सनी देओल आदि सितारों की फिल्म भी लोंगेवाला युद्द पर बनी है। इस फिल्म को जेपी दत्ता ने डायरेक्ट किया था। फिल्म के न सिर्फ गाने बल्कि किरदार और डायलॉग्स भी सुपरहिट हुए थे। 13 जून 1997 को फिल्म रिलीज हुई थी।
द गाजी अटैक
1971 में जब जमीन पर युद्ध चल रहा था, तब एक युद्ध पानी के अंदर भी चल रहा था। इसी युद्ध के दौरान गाजी अटाक हुआ था। इस अटैक में भारतीय सेना की सबसे मजबूत सबमरीन (पनडुब्बी) पीएनएस गाजी को डुबो दिया था। गाजी के डूबने से 90 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई थी।