Explainer: अयोध्या से पहले पीएम मोदी ने की जिन मंदिरों की यात्रा, क्या है उनकी खासियत?
PM Narendra Modi Visiting Temples Associated With Shri Ram : अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन कार्यक्रम अब बस दो दिन दूर रह गया है। 22 जनवरी को होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन मंदिरों की यात्रा की हैं जो श्री राम से जुड़े हुए हैं।
अपनी इन यात्राओं के दौरान उन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं का ऐलान भी किया, लेकिन उनके हर संबोधन में श्री राम का जिक्र जरूर सुनने को मिला है। इस रिपोर्ट में पढ़िए उन मंदिरों के बारे में जहां प्रधानमंत्री मोदी गए हैं और इन मंदिरों का भगवान श्री राम से क्या संबंध है।
केरल: गुरुवयूर और रामास्वामी मंदिर
17 जनवरी को पीएम मोदी ने केरल के त्रिशूर जिले में स्थित भगवान कृष्ण के गुरुवयूर मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद वह त्रिप्रयर श्री रामास्वामी मंदिर गए थे। इस मंदिर को दक्षिण की अयोध्या भी कहा जाता है। यहां रामायण की महत्वपूर्ण घटनाओं को दिखातीं शानदार नक्काशियां हैं।
आंध्र प्रदेश: वीरभद्र मंदिर
16 जनवरी को प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में स्थित वीरभद्र मंदिर की यात्रा की थी। कहा जाता है कि माता सीता को बचाने की कोशिश करते हुए रावण से लड़ाई के दौरान घायल होकर जटायु लेपाक्षी में ही गिरे थे। यहां पर भगवान शिव के वाहन नंदी की विशाल प्रतिमा भी है।
महाराष्ट्र: कालाराम मंदिर
पीएम मोदी 12 जनवरी को महाराष्ट्र के नासिक में स्थित कालाराम मंदिर पहुंचे थे। यह मंदिर पंचवटी इलाके में आता है। कहा जाता है कि राम, लक्ष्मण और सीता जब 14 साल के वनवास पर गए थे तो उन्होंने पंचवटी में ही अपनी कुटिया बनाई थी और शुरुआती साल इसी जगह बिताए थे।
तमिलनाडु: रंगनाथस्वामी मंदिर और रामेश्वरम
20 जनवरी को सुबह करीब 11 बजे प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में स्थित श्री रंगनाथस्वामी मंदिर की यात्रा की थी। कहते हैं कि भगवान राम ने विष्णु की मूर्ति विभीषण को दी थी। लेकिन लंका ले जाते समय रास्ते में उन्हें मूर्ति श्रीरंगम में स्थापित करनी पड़ गई थी।
दोपहर करीब 2 बजे वह रामेश्वरम पहुंचे। यहां उनका श्री अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करने का कार्यक्रम था। इस मंदिर में भगवान शिव की रामनाथस्वामी के रूप में पूजा होती है। कहा जाता है कि श्री राम और माता सीता ने इस मंदिर में मुख्य शिवलिंग की स्थापना की थी।
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