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झूठ मत बोलना...कल रात कहां गए थे AI टूल बता देगा, आ गई GPS से भी एडवांस टेक्नोलॉजी

New AI Tool: हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा AI टूल तैयारी किया है जो सूक्ष्मजीवों का विश्लेषण करके यह बता सकता है कि आप कहां गए थे। टूल का एक्यूरेसी रेट भी काफी हाई है। चलिए जानें कैसे काम करता है ये AI टूल...
11:58 AM Nov 14, 2024 IST | Sameer Saini
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New AI Tool: मार्केट में जब से OpenAI का ChatGPT आया है तब से तो AI आये दिन और भी ज्यादा एडवांस होता जा रहा है। गूगल, एप्पल समेत कई बड़ी कंपनियां अपने AI चैटबॉट पेश कर चुकी हैं जो घंटों के काम मिनटों में कर देते हैं, लेकिन हाल ही में स्वीडन के लुंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा AI टूल तैयार किया है जिसने सभी को चौंका दिया है। दरअसल, यहां के वैज्ञानिकों ने ऐसा AI टूल बनाया है जो आपके आसपास मौजूद सूक्ष्मजीवों का विश्लेषण करके यह पता लगा सकता है कि आप हाल ही में किन जगहों पर गए थे। यानी ये AI टूल आपकी पोल खोल सकता है।

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GPS का नहीं करता इस्तेमाल

यह नया तरीका, जो जीनोम बायोलॉजी एंड इवोल्यूशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, इस बात की पहचान कर सकता है कि कोई व्यक्ति समुद्र तट, रेलवे स्टेशन या पार्क जैसी जगहों पर गया है या नहीं। खास बात यह है कि ये किसी GPS का इस्तेमाल नहीं करता। इसकी जगह ये टूल अलग-अलग जगहों पर मिलने वाले सूक्ष्मजीवों के "फिंगरप्रिंट" का इस्तेमाल करता है, जो हर जगह अलग-अलग होते हैं। इस नई तकनीक का इस्तेमाल फोरेंसिक और महामारी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है।

कैसे काम करता है ये AI टूल?

शोधकर्ताओं ने बताया है कि कुछ सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया, कवक और शैवाल अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार के होते हैं। हर जगह पर सूक्ष्मजीवों के स्पेशल ग्रुप्स पाए जाते हैं, जिन्हें माइक्रोबायोम कहा जाता है। इस तरह, किसी व्यक्ति के शरीर या कपड़ों पर मौजूद सूक्ष्मजीवों के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि वह हाल ही में कहां गया था। मतलब कल रात पार्क में आप किसके साथ घूम रहे थे? ये AI टूल आपके राज खोल सकता है।

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कैसे तैयार किया गया ये AI टूल?

AI को दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से जुटाए गए सूक्ष्मजीवों के डेटा के साथ तैयार किया गया है, जिसमें 53 शहरों के शहरी क्षेत्रों के सूक्ष्मजीव, 18 देशों से 237 मिट्टी के सैंपल और 9 अलग-अलग जल निकायों से 131 समुद्री माइक्रोबायोम को कलेक्ट किया गया है। इन सूक्ष्मजीवों का अध्ययन करके AI ने अलग अलग जगहों के खास सूक्ष्मजीव समूहों को पहचानना सीखा है। शोधकर्ता एरन एल्हाइक के अनुसार, यह मॉडल इंसान के शरीर पर सूक्ष्मजीवों की बदलती संरचना का लाभ उठाता है। इतना ही नहीं इससे बीमारियों के प्रसार और इन्फेक्शन के सोर्स का भी पता लगाया जा सकता है।

AI टूल की एक्यूरेसी कितनी?

AI टूल ने कई बार सटीकता के साथ विभिन्न जगहों की पहचान की है। इसने 92% मामलों में शहरी क्षेत्रों के मूल शहर की सही पहचान की। इतना ही नहीं ये AI टूल हांगकांग में दो सबवे स्टेशनों जो केवल 564 फीट की दूरी पर थे इन दोनों के बीच भी अंतर कर पाया। हालांकि, लंदन के पुराने और खराब रखरखाव वाले स्टेशनों में इसकी सटीकता कम रही, जहां यह केवल 50% मामलों में ही सही पहचान कर पाया।

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