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भारत सरकार ने AI ऐप्स पर क्यों लगाया बैन? कहीं 'Memory Feature' तो नहीं वजह

India AI Ban: भारत सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सभी AI टूल्स के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है लेकिन क्या आप जानते हैं इस बैन के पीछे की वजह क्या है? आइये जानें...
10:57 AM Feb 06, 2025 IST | Sameer Saini
भारत सरकार ने ai ऐप्स पर क्यों लगाया बैन  कहीं  memory feature  तो नहीं वजह

India AI Ban: भारतीय वित्त मंत्रालय ने हाल ही में ChatGPT जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल पर बैन लगाने का निर्देश जारी किया था। 29 जनवरी 2025 को जारी इस सर्कुलर का उद्देश्य सेंसिटिव गवर्नमेंट डेटा को सेफ रखना है। हालांकि ऐसा लग रहा है कि AI टूल्स पर बैन की वजह इनमें मौजूद एक खास फीचर भी हो सकता है। जी हां, भारत सरकार द्वारा ChatGPT और अन्य एआई टूल्स पर लगाए गए बैन के पीछे “Memory Feature” भी एक कारण हो सकता है। ये फीचर जल्द ही मेटा के AI में भी आने वाला है। चलिए पहले जानते हैं कि आखिर ये मेमोरी फीचर क्या है?

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क्या है ChatGPT का Memory Feature?

दरअसल, ChatGPT जैसे कई AI टूल्स में मेमोरी फीचर मिलता है। इस फीचर की मदद से AI टूल यूजर की पिछली बातचीत और प्रिऑरिटीज को याद रख सकता है। इसका मतलब है कि जब भी कोई यूजर इसे यूज करता है, तो यह उसके द्वारा पहले दी गई जानकारी को स्टोर कर सकता है और भविष्य में उसी के बेस पर जवाब दे सकता है। यानी आपने जो दो महीने पहले AI को बताया था वो डेटा भी कहीं न कहीं सेव हो सकता है।

हमने भी इसकी टेस्टिंग की है और इसमें एक कमांड से ये जाना है कि आखिर AI हमारे बारे में क्या-क्या जानता है। इसे टेस्ट करने के लिए आप बस AI चैटबॉट को कहें कि 'आप मेरे बारे में क्या जानते हैं', बस इतना लिखते ही आपके बारे में सारी जानकारी सामने आ जाएगी।

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India AI ban

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सरकार को इससे क्या खतरा?

सेंसिटिव डेटा का स्टोरेज: सरकारी कर्मचारी अगर किसी सेंसिटिव डेटा पर AI से चर्चा करते हैं, तो ChatGPT इसे याद रख सकता है और यह डेटा OpenAI के सर्वर पर स्टोर हो सकता है। इससे नेशनल सिक्योरिटी को बड़ा खतरा हो सकता है।

डेटा लीक की संभावना: यही नहीं ChatGPT जैसे AI मॉडल क्लाउड-बेस्ड होते हैं, तो ये सारा डेटा बाहरी सर्वरों पर प्रोसेस होता है। ऐसे में अगर कोई साइबर अटैक या डेटा ब्रीच होता है, तो सेंसिटिव डिटेल्स लीक हो सकती है।

विदेशी कंपनियों पर निर्भरता: ‎Gemini और ChatGPT जैसे टूल्स पर भारत का कोई कंट्रोल नहीं है। सरकार नहीं जानती कि OpenAI इस डेटा का इस्तेमाल कैसे कर रहा है या भविष्य में कैसे कर सकता है।

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