और तुम Android को बदनाम करते हो...iPhone नहीं है सेफ? रिपोर्ट ने उड़ाए iOS यूजर्स के होश
iOS Phishing Attacks: अगर आपको भी ऐसा लग रहा है कि आपका iPhone, Android डिवाइस की तुलना में ज्यादा सेफ है तो शायद लुकआउट की हालिया रिपोर्ट आपके होश उड़ा सकती है। जी हां, एक नई रिपोर्ट बताती है कि iOS डिवाइस Android डिवाइस की तुलना में फिशिंग अटैक्स के लिए ज्यादा आसान टारगेट हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि Q3 2024 में 18.4 परसेंट फिशिंग अटैक्स iOS डिवाइस पर हुए हैं, जबकि Android डिवाइस पर सिर्फ 11.4 परसेंट फिशिंग अटैक्स हुए हैं।
डेटा-सेंट्रिक क्लाउड सिक्योरिटी कंपनी ने इसके लिए 220 मिलियन डिवाइस, 360 मिलियन ऐप और अरबों वेब आइटम का एनालिसिस किया है। Security Cloud ने 2019 से फ़िशिंग साइटों सहित 473 मिलियन से ज्यादा मालिसियस वेबसाइटों की पहचान की है। इन फिशिंग अटैक्स का उद्देश्य यूजर्स का नाम, पासवर्ड और अन्य पर्सनल डेटा चुराना है।
क्यों हैकर्स iOS यूजर्स को कर रहे टारगेट?
पिछले कुछ वक्त में iOS डिवाइस काफी ज्यादा पॉपुलर हुए हैं, जिसकी वजह से हैकर्स iOS यूजर्स को ज्यादा टारगेट कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है Android डिवाइस की तुलना में iOS डिवाइस ज्यादा हो रहे हैं। लुकआउट के यूजर बेस में Android डिवाइस की तुलना में दोगुने से ज्यादा iOS डिवाइस थे। डिवाइस की इस अधिक संख्या का मतलब है हैकर्स के लिए हमला करने के ज्यादा मोके हैं और आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं।
ये भी पढ़ें : Geyser से आधी कीमत पर मिलती है ये पानी गर्म करने वाली बाल्टी, फटाक से गर्म होगा ‘चिल्ड वाटर’
2024 में 19 परसेंट iOS डिवाइस को पहली तीन तिमाहियों में काफी ज्यादा फिशिंग अटैक्स का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर, उसी अवधि में केवल 10.9 प्रतिशत Android डिवाइस फिशिंग अटैक का शिकार हुए। यह डेटा बताता है कि खतरा iOS में किसी खामी की वजह से नहीं बल्कि इसकी बढ़ती पॉपुलैरिटी के कारण हो सकता है।
बढ़ सकते हैं फिशिंग अटैक्स
चाहे आप iPhone इस्तेमाल करें या Android फोन, फिशिंग अटैक आपकी पर्सनल जानकारी को जोखिम में डाल सकता है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि 2025 में फिशिंग अटैक्स बढ़ सकते हैं। AI का इस्तेमाल करके हैकर्स ऐसे फर्जी मैसेज बना सकते हैं जो बिलकुल असली लगते हैं। हाल ही में हमारा एक डिवाइस भी चोरी हुआ था जिसका पासवर्ड चुराने के लिए हैकर्स ने बाद में फोन पर एक असली एप्पल वेबसाइट जैसी फर्जी वेबसाइट का लिंक भेजा जहां लॉगिन करने के लिए कहा गया।