DTH लाइसेंस फीस को लेकर Jio और Airtel में टकराव क्यों? समझें पूरा मामला
Jio Airtel Over DTH Licence Fee: एक तरफ जहां देश में जल्द ही सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू करने की तैयारियां चल रही है तो दूसरी तरफ भारत की दो बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जियो और भारती एयरटेल फिर एक बार आमने-सामने हैं। इस बार टकराव की वजह डायरेक्ट-टू-होम यानी DTH ऑपरेटरों के लाइसेंस फीस में छूट को लेकर है। जियो इस छूट का विरोध कर रहा है, जबकि एयरटेल इसे सिस्टेमेटिक ढंग से खत्म करने की डिमांड कर रहा है। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
एयरटेल ने इस मामले पर क्या कहा?
एयरटेल का कहना है कि DTH ऑपरेटर्स को अन्य टीवी प्लेटफॉर्म जैसे केबल टीवी और IPTV के जैसा ही माना जाना चाहिए, जिन्हें लाइसेंस फीस से छूट मिली हुई है। एयरटेल ने DTH ऑपरेटर्स पर भी अडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) लागू करने का सुझाव दिया।
टाटा प्ले ने भी किया सपोर्ट
एयरटेल के सपोर्ट में टाटा प्ले ने भी TRAI से लाइसेंस फीस को जल्द से जल्द खत्म करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही टाटा प्ले ने क्रॉस-मीडिया बैन हटाने की भी मांग की है, जिससे ब्रॉडकास्टर्स को डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों में 20% से ज्यादा ओनरशिप रखने की अनुमति मिले।
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Jio क्यों कर रहा है इसका विरोध?
दूसरी तरफ रिलायंस जियो ने DTH ऑपरेटर्स को मिलने वाली इस छूट का कड़ा विरोध किया है। कंपनी ने तर्क दिया है कि DTH सर्विस पहले से ही फ्री स्पेक्ट्रम का लाभ उठा रही हैं, जिसे मार्केट रेट्स से बहुत कम प्राइस पर उपलब्ध कराया जाता है। जियो का कहना है कि यह छूट कॉम्पिटिटिव माहौल को खराब करेगी और केबल टीवी तथा IPTV प्रोवाइडर्स को नुकसान पहुंचाएगी। जियो ने यह भी कहा है कि फ्री स्पेक्ट्रम का फायदा उठाने वाले DTH ऑपरेटर्स को अन्य टीवी प्लेटफॉर्म्स के समान छूट देना असंवैधानिक होगा।
TRAI ने की थी ये सिफारिश
बता दें कि अगस्त 2023 में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने DTH लाइसेंस फीस को 8 परसेंट से कम करके 3 परसेंट करने की सिफारिश की थी। इसके बाद TRAI ने यह भी सजेशन दिया कि वित्त वर्ष 2027 तक इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जाए।