Pager Blast in Lebanon: क्या है ये पेजर? जिसके फटने से गई कई लोगों की जान; हैक करना भी आसान?
Pager Blast in Lebanon: लेबनान में हुए सीरियल ब्लास्ट ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इन धमाकों में कई लोगों की जान गई है जबकि 4000 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। इस ब्लास्ट में पेजर का इस्तेमाल किया गया था, जिसने सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए जानते हैं कि आखिर पेजर क्या है और क्यों यह इतना खतरनाक साबित हुआ।
क्या है ये पेजर?
पेजर एक पुराना कम्युनिकेशन इक्विपमेंट है, जिसे बीपर या ब्लीपर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक छोटा सा डिवाइस है जो रेडियो सिग्नल के जरिए टेक्स्ट मैसेज रिसीव करता है। 90 के दशक में जब मोबाइल फोन इतने आम नहीं थे, तब पेजर का इस्तेमाल खासकर डॉक्टर, बिजनेसमैन और इमरजेंसी में किया जाता था। पेजर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे किसी भी नेटवर्क से कनेक्ट करने की जरूरत नहीं है, यह सिर्फ रेडियो सिग्नल पर काम करता है।
कैसे काम करता है पेजर?
पेजर एक रेडियो ट्रांसमीटर की तरह काम करता है। जब किसी को आपको मैसेज भेजना होता है, तो वह मैसेज एक पेजर स्टेशन को भेजा जाता है। पेजर स्टेशन इस मैसेज को रेडियो वेव्स के जरिए आपके पेजर तक पहुंचा देता है। जैसे ही आपका पेजर यह मैसेज रिसीव करता है, वह बीप करके या वाइब्रेट करके आपको नोटिफिकेशन देता है।
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कितनी तरह के होते हैं पेजर?
बता दें कि पेजर तीन तरह के होते हैं जिसमें वन-वे पेजर, टू-वे पेजर और वॉयस पेजर शामिल है। वन-वे पेजर की बात करें तो इस प्रकार के पेजर में आप केवल मैसेज रिसीव कर सकते हैं, आप कोई जवाब नहीं भेज सकते। जबकि टू-वे पेजर में आप मैसेज प्राप्त करने के साथ-साथ जवाब भी भेज सकते हैं। वहीं वॉयस पेजर में आप वॉयस मैसेज भी रिसीव कर सकते हैं।
कितना सिक्योर होता है ये पेजर?
पेजर की सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर कई सवाल उठते हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि पेजर में कोई एन्क्रिप्शन नहीं होता है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति आसानी से आपके पेजर के सिग्नल को इंटरसेप्ट कर सकता है और आपके मैसेज पढ़ सकता है। लेबनान में हुए ब्लास्ट में भी ऐसा ही हुआ होगा। संभव है कि हमलावरों ने हिजबुल्लाह के सदस्यों के पेजर को हैक कर लिया हो और फिर उनमें विस्फोटक लगा दिया हो। इसका सिक्योरिटी सिस्टम कमजोर होता है और इसे आसानी से हैक किया जा सकता है।