होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

8 KM की राइड...क‍िराया 1300 रुपये! Uber को भारी पड़ी मनमानी, शख्‍स ने ऐसे स‍िखाया सबक

Uber Charges 1334 Rupees for Short Ride: हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया जहां शख्स ने पहले उबर से राइड बुक की बाद में कंपनी को उसे 10 गुना रिफंड देना पड़ गया। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...
03:42 PM Mar 18, 2024 IST | Sameer Saini
Advertisement

Uber Charges 1334 Rupees for Short Ride: कभी न कभी आपने भी ट्रैवल के लिए Ola, Rapido या Uber जैसी कंपनियों से राइड तो बुक किया ही होगा। ट्रेवल के लिए आज ये काफी यूजफुल सर्विस प्रोवाइडर्स बन गए हैं। हालांकि कई बार ऐसा होता है कि राइड बुक करते वक्त कंपनियां कुछ और किराया दिखाती हैं जबकि राइड पूरी हो जाने पर किराया बढ़ा देती हैं। ऐसा ही एक मामला चंडीगढ़ से सामने आया है जहां एक शख्स ने उबर से पहले राइड बुक की तो राइड में उसे 359 रुपये किराया दिख रहा था लेकिन अंत में कंपनी ने उससे राइड के 1,334 रुपये चार्ज कर लिए।

Advertisement

छोटे राइड के किए ज्यादा पैसे चार्ज

जिसके बाद उबर की मनमानी से नराज शख्स चंडीगढ़ के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग पहुंच गया। जहां मामले की सुनवाई के बाद शख्स को उबर द्वारा मुआवजा दिया गया। बता दें कि कंपनी ने 8.83 किलोमीटर की राइड के लिए शख्स से 1,334 रुपये चार्ज किए थे। यह मामला 6 अगस्त, 2021 का है। ज्यादा किराया वसूलने का विरोध करने के बाद शख्स को कानूनी खर्च के लिए 10,000 रुपये के साथ 10,000 रुपये मुआवजा मिला है।

ये भी पढ़ें : Google I/O 2024: गूगल ला रहा गजब का फीचर! फोन स्विच-ऑफ हुआ तब भी कर सकेंगे ट्रैक

Advertisement

नहीं मिला था कोई समाधान

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, शख्स लगातार चैट और ईमेल के जरिए कंपनी से इस समस्या को सुलझाने की रिक्वेस्ट कर रहा था बावजूद, उसे कोई समाधान नहीं मिला। जिसके बाद शख्स ने इसकी कंप्लेंट फाइल कर दी। वहीं उबर इंडिया ने किराया बढ़ाने के मामले में बचाव करते हुए कहा कि राइड के दौरान कई रूट बदलने की वजह से किराया बढ़ाया गया था।

ट्रांसपेरेंसी बनाए रखना सर्विस प्रोवाइडर्स की जिम्मेदारी

हालांकि, आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि एक्चुअल किराया और वसूल किए गए किराए में काफी ज्यादा अंतर है। जिसके बाद पराशर के पक्ष में फैसला सुनाया गया और मानसिक परेशानी और उत्पीड़न के लिए उबर को मुआवजा देने के लिए कहा गया। आयोग ने आगे कहा कि ट्रांसपेरेंसी बनाए रखना और यूजर्स के विश्वास को बनाए रखना उबर जैसे सर्विस प्रोवाइडर्स की जिम्मेदारी है।

Open in App
Advertisement
Tags :
book uber cab
Advertisement
Advertisement