बीमा के सवा करोड़ पाने के लिए रची साजिश, खुद को मरा दिखाने को कब्र से निकालकर कार में जलाया शव, ऐसे खुला राज
Banaskantha Crime News: (ठाकुर भूपेंद्र सिंह, अहमदाबाद) गुजरात के बनासकांठा जिले में सामने आई एक घटना ने सभी को हैरान कर दिया है। कर्ज में डूबे एक व्यवसायी ने बीमा की रकम पाने के लिए किसी हिंदी फिल्म की तरह कहानी रच डाली। शख्स ने अपनी ही झूठी मौत दिखाने के लिए पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। हालांकि बनासकांठा पुलिस की सूझबूझ से उसकी योजना पर पानी फिर गया। दरअसल पुलिस को वडगाम इलाके में एक कार जलने की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो पता लगा कि कार और ड्राइविंग सीट पर बैठे शख्स का शव पूरी तरह जलकर राख हो गया है।
पहली नजर में यही लग रहा था कि कार में आग लगने से चालक भी चपेट में आ गया और उसकी जिंदा जलकर मौत हो गई। पुलिस ने जब वाहन के पंजीकरण नंबर की जांच की तो पता चला कि यह शव दलपत सिंह परमार का है। परिवार के सदस्यों ने भी दलपत का ही शव होने की पुष्टि कर दी। लेकिन घटनास्थल से पुलिस को जो सुराग मिले, वे कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे। लिहाजा पुलिस ने कार में मौजूद शव के नमूने फॉरेंसिक जांच के लिए भिजवाए तो सच सामने आ गया।
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जांच रिपोर्ट में पता लगा कि शव किसी और का है। परिवार के सदस्यों से लिए गए नमूनों से बरामद सैंपल मैच नहीं हो सके। सवाल उठ रहा था कि अगर लाश दलपत की नहीं तो किसकी थी? गुजरात पुलिस ने मामले में मदद करने वाले दलपत सिंह परमार के तीन साथियों को अरेस्ट कर पूछताछ की तो पूरा भेद खुल गया। पुलिस को पता चला कि दलपत एक होटल व्यवसायी है। होटल बनाने के लिए उसने काफी कर्ज लिया था। कर्ज उतारने के लिए ही उसने पूरा खेल रचा।
भाई और रिश्तेदार शामिल थे साजिश में
बीमा के एक करोड़ 23 लाख रुपये हासिल करने के लिए अपनी मौत की झूठी कहानी रची। साजिश के तहत जब तक उसके परिवार को बीमा के पैसे नहीं मिल जाते, तब तक परमार ने छिपने की प्लानिंग बनाई थी। साजिश में उसके भाई समेत कुछ रिश्तेदार शामिल थे।
एसपी अक्षयराज मकवाना ने बताया कि दलपत ने चार महीने पहले मर चुके एक व्यक्ति के शव को कब्र से खोदकर निकाला और उसे कार की ड्राइविंग सीट पर रखकर आग लगाई थी। आरोपी फरार है, उसकी तलाश की जा रही है।