गुजरात में नहीं थमेगी उद्योग की लहर; भूपेन्द्र पटेल सरकार ने किया GIDC के जमीन आवंटन की नीति में संशोधन
Gujarat Bhupendra Patel Govt: गुजरात में उद्योग बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने एक बड़ा फैसला किया है। गांधीनगर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में भूपेन्द्र पटेल की कैबिनेट ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSMEs) समेत सभी उद्योगों के हित में एक बड़ा लिया गया है। दरअसल, राज्य सरकार ने इंडस्ट्रियल एस्टेट के लिए लैंड अलॉटमेंट पर गुजरात औद्योगिक विकास निगम की नीति में आवश्यक संशोधन किए हैं। जिसके साथ GIDC में जमीन आवंटन की प्रक्रिया को पहले से ज्यादा आसान बनाया गया है। इस बात की जानकारी प्रदेश के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेष पटेल ने दी है।
जमीन का GIDC को ट्रांसफर
प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेष पटेल ने बताया कि राज्य में इंडस्ट्रियल एस्टेट के लिए सरकारी बंजर जमीन को GIDC को ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद GIDC द्वारा इस जमीन को उद्योगों के लिए आवंटित करता है। आज के समय में जो व्यवस्था चल रही उसके अनुसार, सरकारी जमीन की कीमत जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली एक समिति तय करती है। इसके बाद जमीन को एक निश्चित मूल्य पर GIDC को अलॉट कर दिया जाता है। इस प्रोसेस के बाद यह देखा गया कि कई मामलों में जमीन की कीमतें मौजूदा कमीतों से अधिक थीं।
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गुजरात औद्योगिक नीति-2020
इसी तरह की सभी समस्याओं का समाधान करते हुए गुजरात सरकार ने लैंड अलॉटमेंट के प्रोसेस को बहुत ज्यादा आसान बना दिया है। अब गुजरात औद्योगिक नीति-2020 के तहत सरकारी बंजर जमीन को उद्योग और खान विभाग द्वारा किए गए वर्गीकरण के अनुसार कुल 3 कैटेगिरी में GIDC को अलॉट की जाएंगी। इसके अनुसार, कैटेगिरी-1 में शामिल 119 तालुकाओं के छोटे विकसित जीआईडीसी को मौजूदा औद्योगिक मशीनरी की दर पर ही भूमि आवंटित की जाएगी। वहीं कैटेगिरी-2 में शामिल 76 तालुकों के मध्यम विकसित GIDC को मौजूदा औद्योगिक मशीनरी के 125 प्रतिशत की दर पर जमीन अलॉट की जाएगी। इसके अलावा कैटेगिरी-3 में शामिल 56 तालुकों के विकसित GIDC को 150 प्रतिशत की दर पर जमीन आवंटित की जाएगी।