गुजरात के इस मंदिर की दान पेटी से मिला 1 किलो सोना, अनजान भक्त ने किया दान
Amabaji Temple Gold Donation News: अंबाजी मंदिर 1200 साल पुराना है। यह मंदिर मार्बल के पत्थरों से बना हुआ है। इस तीर्थस्थल अम्बाजी में हर महीने भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। यहां भक्तों की भीड़ के साथ-साथ दान भी देखने को मिलता है। अम्बाजी मंदिर में भक्त लाखों रुपये का सोना भी दान करते हैं। हालांकि, पहली बार किसी अज्ञात दानदाता द्वारा लाखों रुपये का सोना दान पेटी में रखे जाने की घटना सामने आई है।
बनासकांठा जिले के अंबाजी धाम में भक्तों ने 'सुनहरी' भेंट चढ़ाई है। मंदिर के खजाने के अंदर 10 सोने की ईंटें मिली हैं। एक घटना सामने आई है कि एक भक्त ने मंदिर में 100 ग्राम वजन की 10 लगड़ियां भेंट स्वरूप चढ़ाई थीं। चूंदड़ी में 10 सोने की सिल्लियां बंधी हुई मिली हैं। बताया गया है कि एक किलो लकड़ी की कीमत 70 से 75 लाख रुपये है। अम्बाजी मंदिर को स्वर्णिम बनाने का काम फिलहाल चल रहा है। जहां मंदिर में भक्तों द्वारा सोना दान किया जा रहा है, वहीं एक बार फिर सोने के दान का यह सिलसिला देखने को मिल रहा है।
अंबाजी माता मंदिर क्यों है मशहूर
गुजरात के उत्तरी हिस्से में अरावली की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच विश्वप्रसिद्ध अंबाजी मंदिर है। गुजरात का अंबाजी शक्तिपीठ भी इनमें से एक है, जहां माता सती का हृदय गिरा था। पुराणों के अनुसार, पहले यहां अंबिका वन नामक वन था। माता सती का ह्दय गिरने के कारण यह शक्तिपीठ अंबाजी माता मंदिर के नाम से मशहूर हुआ। समुद्र तल से 1580 फीट की ऊंचाई पर स्थित अंबाजी मंदिर में देवी की वास्तविक मूर्ति की पूजा नहीं होती है। बल्कि यहां बीसा यंत्र की पूजा की जाती है। माना जाता है कि यह बीसा यंत्र उज्जैन के हरसिद्धि माता शक्तिपीठ और नेपाल के शक्तिपीठों के अंदर रखे गए मूल यंत्र से जुड़ा है।
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