साइबर ठगों के निशाने पर ये राज्य, हर घंटे 13 लोगों से ठगी; एक साल में उड़ा दिए 6500000000
Gujarat Crime: (ठाकुर भूपेंद्र सिंह) साइबर फ्रॉड करने वालों ने एक साल में हजारों गुजरातियों को अपना शिकार बनाया है। 2023 के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। 650 करोड़ रुपये की ठगी एक साल में सामने आई है। यहां तक कि गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और सूरत पुलिस कमिश्नर ने नाम पर भी साइबर फ्रॉड करने की कोशिश शातिरों ने की है। इन दिनों साइबर फ्रॉड के जरिए ऑनलाइन ठगी किए जाने के मामले आम हो गए हैं। साल 2023 में देशभर में 11,28,265 साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज की गई थीं। जिसमें गुजरात की शिकायतें 1,21,701 हैं। साइबर फ्रॉड करने वालों ने साल 2023 में गुजरातियों से एक अनुमान के हिसाब से 650 करोड़ रुपये की लूट की है। गुजरात में फर्जी अधिकारी, फर्जी टोल प्लाजा, फर्जी पीएमओ या सीएमओ बनकर ठग वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
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पिछले दिनों शातिरों ने गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी की फेक आईडी बनाकर ठगी की कोशिश की। बाद में सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम गहलोत की भी फेक आईडी बनाए जाने का मामला सामने आया था। खुद गृह राज्य मंत्री ने सोशल मीडिया पर आकर लोगों से उनकी नकली आईडी से बचने की अपील की थी। गुजरात में साइबर क्राइम से निपटने के लिए 14 पुलिस स्टेशन बनाए गए हैं।
एक दिन में 333 लोग दर्ज करवा रहे शिकायतें
हजारों लोगों से ठगी के मामले सुलझाने के लिए ये काफी नहीं हैं। एक अनुमान के मुताबिक हर घंटे 13 गुजरातियों से ठगी की जा रही है। एक दिन में 333 गुजरातियों के खाते ठग साफ कर देते हैं। जो काफी चौंकाने वाली बात है। गुजरातियों की 49 हजार से ज्यादा शिकायतें थानों में लंबित हैं। गुजरात भारत में ठगी के मामले में तीसरे नंबर पर है। ऑनलाइन ठगी के अधिकतर मामले फोन के जरिए अंजाम दिए जाते हैं। व्यक्ति को एक लिंक दिया जाता है, जिस पर क्लिक करते ही खाता साफ हो जाता है। छोटी-मोटी शिकायतों पर न तो पुलिस ध्यान देती है, न ही लोग दर्ज करवाते हैं।
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