पहले बार‍िश फ‍िर तूफान अब गुजरात पर नई आफत, सड़कों पर घूम रहे मगरमच्‍छ

Gujarat News: गुजरात के वडोदरा शहर में बाढ़ के बाद एक नया खतरा सामने आया है – मगरमच्छों का। विश्वामित्री नदी के मगरमच्छ बाढ़ के पानी के साथ शहर में फैल गए हैं, जिससे लोगों में खौफ बढ़ गया है। वन विभाग ने मगरमच्छों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है। जानें वडोदरा में बाढ़ और मगरमच्छों के आतंक की पूरी कहानी।

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Bhupendra Singh Ahmedabad :  गुजरात का वडोदरा शहर इस बार की बाढ़ में बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शहर की सड़कों, बाजारों और घरों में पानी भर गया, जिससे भारी तबाही हुई। जैसे ही बाढ़ का पानी उतरना शुरू हुआ, एक और बड़ा खतरा सामने आया – मगरमच्छों का। विश्वामित्री नदी, जिसमें बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं, बाढ़ के पानी के साथ शहर में फैल गए। अब ये मगरमच्छ गलियों, मोहल्लों और घरों में नजर आने लगे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में खौफ बढ़ गया है। वन विभाग ने कई मगरमच्छों को पकड़कर उनके ठिकानों पर लौटाने की कोशिश शुरू कर दी है, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है। इस स्थिति ने वडोदरा की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं, और अब शहरवासियों को बाढ़ के बाद मगरमच्छों के आतंक से भी जूझना पड़ रहा है।

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विश्वामित्री नदी और मगरमच्छों की कहानी

विश्वामित्री नदी, वडोदरा के लिए एक इम्पोर्टेन्ट नदी है, लेकिन इसमें रहने वाले मगरमच्छ इस नदी को अलग पहचान देते हैं। यह नदी एशिया की एकमात्र ऐसी नदी मानी जाती है, जिसमें लगभग 350 से 400 मगरमच्छ रहते हैं। वडोदरा को इस वजह से "मगरमच्छों का शहर" भी कहा जाता है। बाढ़ के दौरान ये मगरमच्छ पानी के साथ शहर में बहकर आ गए, जिससे लोग डरे और सहमे हुए हैं।

बाढ़ के साथ मगरमच्छों की हुई शहर में एंट्री

बारिश के बाद विश्वामित्री नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया और इसके साथ मगरमच्छ भी शहर के कई इलाकों में फैल गए। शहर की गलियों, मोहल्लों और घरों के पास अब मगरमच्छ नजर आने लगे हैं। अकोटा, सयाजीगंज, कलाली, वडसर जैसे कई क्षेत्रों में मगरमच्छों को देखा गया। यहां तक कि एक 12 फुट लंबा मगरमच्छ एक घर के पास पाया गया, जिससे स्थानीय लोग बहुत डरे हुए हैं।

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वन विभाग की रेस्क्यू कार्रवाई

बाढ़ के बाद वन विभाग ने मगरमच्छों को पकड़ने और उन्हें वापस उनके ठिकानों पर छोड़ने का काम शुरू कर दिया। पिछले दो दिनों में दर्जन भर मगरमच्छों को बचाया गया है, लेकिन ये संख्या अभी और बढ़ने की संभावना है। बाढ़ का पानी उतरने के साथ मगरमच्छों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।

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इंसानों पर मगरमच्छों का हमला – क्या है स्थिति?

हालांकि बाढ़ के बाद मगरमच्छों की बड़ी संख्या में शहर में मौजूदगी से डर बना हुआ है, लेकिन अब तक किसी इंसान पर हमले की खबर नहीं आई है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मगरमच्छ आमतौर पर इंसानों पर हमला नहीं करते, जब तक कि उन्हें खतरा महसूस न हो। मगरमच्छ बेहद समझदार और सोचने-समझने वाले जीव होते हैं। बाढ़ के कारण वे खुद भी भयभीत होते हैं और इंसानों से दूर रहना पसंद करते हैं।

वडोदरा में मगरमच्छों का डर और सुरक्षा

बाढ़ के साथ मगरमच्छों का खतरा वडोदरा के निवासियों के लिए एक नई चुनौती बन गया है। लोग अब बाढ़ के पानी से तो उबर रहे हैं, लेकिन मगरमच्छों के आसपास होने का डर बना हुआ है। ऐसे में वन विभाग और स्थानीय प्रशासन के लिए यह बड़ी जिम्मेदारी बन गई है कि वे स्थिति को संभालें और लोगों को सुरक्षित रखें।

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