डॉक्टरों के लिए गुजरात मेडिकल काउंसिल के नए नियम, नहीं माने तो लाइसेंस होगा रद्द
Gujarat Medical Council New Rules For Doctors: गुजरात मेडिकल काउंसिल ने राज्य भर में प्रैक्टिस करने वाले एलोपैथिक डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि राज्य में प्रैक्टिस करने वाले सभी एलोपैथिक डॉक्टरों को अब अपने नुस्खे में गुजरात मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी लाइसेंस नंबर लिखना अनिवार्य होगा। इस नियम का उल्लंघन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, इसमें डॉक्टर का लाइसेंस तक निलंबित हो सकता है।
विदेश से आए डॉक्टरों के लिए स्पेशल नियम
गुजरात मेडिकल काउंसिल की तरफ से जारी नोटिस में भारत के बाहर से मेडिकल (MBBS) की पढ़ाई करके आने वाले डॉक्टर केविजिट कार्ड, लेटर पैड, साइन बोर्ड, रबर स्टांप, फीस रसीद, मेडिकल सर्टिफिकेट जैसे सभी जगहों पर अपनी वास्तविक डिग्री के बारे में लिखना अनिवार्य होगा। दरअसल, विदेश से MBBS की पढ़ाई करके आने वाले डॉक्टर्स अक्सर खुद को MD फिजिशियन या मेडिसिन के डॉक्टर के रूप में दिखाकर लोगों को गुमराह करते है। इसलिए ऐसे डॉक्टर्स को अपने सर्टिफिकेट पर सिर्फ MBBS लिखना होगा। अगर वो ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ नेशनल मेडिकल काउंसिल और गुजरात मेडिकल काउंसिल की नीतियों के अनुसार लाइसेंस निलंबित करने तक की कार्रवाई की जाएगी।
नहीं तो सस्पेंड हो जाए लाइसेंस
इसी प्रकार, गुजरात राज्य में प्रैक्टिस करने वाले सभी एलोपैथिक डॉक्टरों को अपने नुस्खे, लेटर पैड, रबर स्टैम्प, शुल्क की रसीद, मेडिकल सर्टिफिकेट आदि पर गुजरात मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी लाइसेंस नंबर का लिखना अनिवार्य होगा। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनके खिलाफ नेशनल मेडिकल काउंसिल या गुजरात मेडिकल काउंसिल की नीतियों के अनुसार लाइसेंस निलंबन तक की कार्रवाई की जाएगी।
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पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री लाइसेंस भी जरुरी
उल्लेखनीय है कि गुजरात मेडिकल काउंसिल के संज्ञान में आया है कि गुजरात में प्रैक्टिस करने वाले कुछ विशेषज्ञ, सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पास केवल गुजरात मेडिकल काउंसिल का एमबीबीएस पंजीकरण/लाइसेंस है। लेकिन यदि उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट एमडी/एमएस या एमसीएच/डीएम जैसी सुपर स्पेशियलिटी डिग्री का पंजीकरण/लाइसेंस नहीं लिया है, तो गुजरात राज्य में प्रैक्टिस करने वाले ऐसे डॉक्टरों को एमसीआई/द्वारा मान्यता प्राप्त अपनी सभी विशेषज्ञता या सुपर स्पेशियलिटी डिग्री का लाइसेंस/पंजीकरण लेना चाहिए। गुजरात मेडिकल काउंसिल के साथ एनएमसी जरूरी है। अन्यथा उनके विरुद्ध नेशनल मेडिकल कमीशन/गुजरात मेडिकल काउंसिल की नीति के अनुसार लाइसेंस निलंबन तक की कार्रवाई की जाएगी।