गुजरात के मोरबी ब्रिज हादसे की रिपोर्ट हाईकोर्ट पहुंची, SIT ने कहा- ये कोई हादसा नहीं, बल्कि 135 लोगों की हत्या है
भूपेंद्रसिंह ठाकुर, अहमदाबाद: मोरबी पुल हादसा मामले में कोर्ट की फटकार के बाद आखिरकार एसआईटी टीम ने हाई कोर्ट में पांच हजार पेज की अपनी जांच रिपोर्ट पेश की है। इससे पहले हाई कोर्ट में पेश की गई आंतरिक जांच रिपोर्ट में भी अहम खुलासे हुए थे। फिलहाल हाई कोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पुल टूटने की घटना में ओरेवा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर, मैनेजर समेत कई लोग जिम्मेदार हैं।
जांच के लिए कमेटी का हुआ था गठन
राज्य सरकार ने मोरबी केबल ब्रिज हादसे की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसके बाद एसआईटी टीम ने 5000 पन्नों की जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है। पीड़ित पक्ष के वकील उत्कर्ष दवे ने बताया की एसआईटी रिपोर्ट में बताया गया कि हादसे के लिए एमडी जयसुख पटेल, मैनेजर दिनेश दवे, मैनेजर दीपक पारेख और अन्य लोग जिम्मेदार हैं। पुल पर कोई प्रतिबंध या अवरोधक व्यवस्था नहीं थी। पुल खोलने से पहले फिटनेस रिपोर्ट तैयार नहीं की गई, इसके अलावा टिकटों की बिक्री पर न ही कोई मर्यादा तय की गई थी और न ही कोई रोक थी तथा पुल पर सुरक्षा उपकरणों की भी कमी थी। ओरेवा कंपनी को इसकी परवाह नहीं थी कि पुल पर कितने लोगों को जाने की अनुमति है।
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सैकड़ों लोगों की हुई थी मौत
बता दें कि पिछले साल 30 अक्टूबर को मोरबी में मच्छू नदी पर बना झूला पुल रविवार शाम को ढह गया था। मोरबी में पुल ढहने से सैकड़ों लोग नदी में गिर गए और कई लोगों की मौत हो गई थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस घटना में कुल 135 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 21 बच्चे थे। इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने सुओमोटो पिटीशन दर्ज कर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि 3 सुरक्षा गार्ड और 2 टिकट चेकर को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इस पुल की देख-रेख की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप को सौंपी गई थी।
(Ultram)