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गुजरात में 93240 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे 2 नए एक्सप्रेसवे, राज्य की कनेक्टिविटी को मिलेगी मजबूती

गुजरात के गांधीनगर में राज्य सरकार ने दो एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की घोषणा की, जिनमें संयुक्त रूप से 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। नमो शक्ति एक्सप्रेसवे और सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे से राज्य की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
12:46 PM Mar 15, 2025 IST | Deepti Sharma
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Gandhinagar 2 Expressway Projects Announced
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Gandhinagar 2 Expressway Projects Announced: गुजरात सरकार द्वारा दो नए एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की घोषणा के बाद राज्य मंत्री जगदीश पंचाल ने नए एक्सप्रेसवे का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि बनासकांठा में दीसा से पीपावाव तक बनने वाला नमो शक्ति एक्सप्रेसवे (Namo Shakti Expressway) 430 किलोमीटर लंबा होगा और इसे 39,120 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे (Somnath-Dwarka Expressway) 680 किलोमीटर लंबा होगा, जिसकी अनुमानित लागत 57,120 करोड़ रुपये होगी। गुजरात सरकार ने अपने बजट में 50,000 करोड़ रुपये का नया विकसित गुजरात कोष बनाने की घोषणा की है, जिसमें से आगामी वित्तीय वर्ष में इन दोनों एक्सप्रेसवे के लिए 520 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।

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इसके अलावा, यह पता चला है कि सड़क संरेखण को अंतिम रूप दिए जाने के बाद दो नए एक्सप्रेसवे के संरेखण में 6 महीने लगेंगे। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को पूरा होने में लगभग एक साल लगेगा, जिसके बाद हर एक एक्सप्रेसवे के लिए जरूरी निजी भूमि अधिग्रहण की सीमा निर्धारित की जाएगी।

राज्य मंत्री ने विकास कार्यों का दिया ब्यौरा

राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने इन महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा विकास कार्यों का ब्यौरा साझा किया। उन्होंने कहा कि डीसा को बनासकांठा में पीपावाव से जोड़ने वाला नमो शक्ति एक्सप्रेसवे 430 किलोमीटर लंबा होगा और इसके निर्माण पर 39,120 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी। वहीं, सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे 680 किलोमीटर लंबा होगा और इस पर 57,120 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश होगा।

उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए राज्य सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में नव निर्मित 50,000 करोड़ रुपये के विकसित गुजरात कोष से 520 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। एक्सप्रेसवे संरेखण को अगले 6 महीनों में अंतिम रूप दिया जाएगा, जिसके बाद डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी, जिसमें एक साल का समय लगने की उम्मीद है। डीपीआर पूरी होने के बाद ही एक्सप्रेसवे के लिए जरूरी निजी भूमि अधिग्रहण की वास्तविक सीमा निर्धारित की जाएगी।

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राज्य की कनेक्टिविटी होगी बेहतर

नमो शक्ति एक्सप्रेसवे (430 किमी, 39,120 करोड़ रुपये) और सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे (680 किमी, 57,120 करोड़ रुपये) जैसी प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाएं राज्य की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगी।

इसके अलावा, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे का एक हिस्सा वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे से व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। भारतमाला परियोजना और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राज्य स्मार्ट सड़क प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें बुद्धिमान ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और बेहतर सुरक्षा उपाय शामिल हैं। प्रमुख औद्योगिक केंद्रों, बंदरगाहों और कृषि क्षेत्रों से सड़क संपर्क को प्राथमिकता दी गई है, जिससे सुगम परिवहन और रसद की सुविधा मिलती है।

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