सूरत में फजीहत कराने वाले नीलेश कुम्भानी अब इस नई जुगत में
Nilesh Kumbhani May Join BJP: लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच इस बार गुजरात की सूरत सीट काफी हॉट बनी हुई है। पिछले कई दिन यह सीट विवादों में है। चर्चा का विषय कांग्रेस से निकाले गए नेता नीलेश कुम्भानी रहे। पहले भाजपा ने गेम खेलकर उनका नामांकन रद्द करा दिया। फिर बाकी 8 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस ले लिए और भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल निर्विरोध चुनाव जीत गए। जिला कलेक्टर की तरफ से उनकी जीत का ऐलान भी कर दिया गया। उन्हें सर्टिफिकेट भी दे दिया गया। कार्रवाई करते हुए कांग्रेस ने नीलेश कुम्भानी को पार्टी से निष्कासित कर दिया। अब चर्चा है कि नीलेश कुम्भानी भाजपा जॉइन करने जा रहे हैं। इसी हफ्ते उनके भाजपा जॉइन करने की अटकलें हैं।
नीलेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, चुनाव पहुंची कांग्रेस
बता दें कि नीलेश का नामांकन रद्द होने के बाद कांग्रेसी भड़क गए हैं। कांग्रेसियों ने नीलेश पर ही गड़बड़ी करने के आरोप लगाए। नाराजगी जताते हुए कांग्रेस वर्करों ने आज नीलेश के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया। कांग्रेसी नीलेश को गद्दार और लोकतंत्र का हत्यारा बता रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल की निर्विरोध जीत के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
कांग्रेस ने मांग की है कि मुकेश दलाल को अयोग्य करार देकर उनकी जीत रद्द की जाए। सूरत में नए सिरे से मतदान कराया जाए। सूरत में फिक्सिंग हुई है। अनुचित तरीके से उम्मीदवारों का खेल हुआ है। भाजपा ने यह गेम खेला है। इसलिए सूरत के मामले में चुनाव आयोग हस्तक्षेप करे और मामला साफ करे।
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सूरत भाजपा का गढ़, मोरारजी देसाई 5 बार सांसद रहे
बता दें कि गुजरात में 26 लोकसभा सीटें हैं। सभी सीटों पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है। 19 अप्रैल तक नामांकन भरे जा चुके थे। नामांकन वापस लेने की तारीख 22 अप्रैल थी और इससे एक दिन पहले भाजपा ने खेल कर दिया। कांग्रेस और भाजपा उम्मीदवा को मिलाकर कुल 11 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था। भाजपा ने मुकेश दलाल को टिकट दिया था।
कांग्रेस से नीलेश कुम्भानी चुनावी रण में उतरे थे, लेकिन भाजपा ने उनके नामांकन में हस्ताक्षर गलत होने का आरोप लगाया और चुनाव आयोग ने उनका नामांकन रद्द कर दिया। बाकी उम्मीदवारों ने भी नामांकन वापस लेकर भाजपा प्रत्याशी को जीता दिया। बता दें कि 1989 से सूरत लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ रही है। पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई इस सीट से 5 बार लोकसभा चुनाव जीते थे।
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