क्या होता है चाइनीज लहसुन? कितना नुकसानदायक? भारत समेत दुनिया के कई देशों में बैन; अब गुजरात कैसे पहुंचा?
What is Chinese Garlic: (भूपेंद्र सिंह ठाकुर, अहमदाबाद) गुजरात के गोंडल मार्केट यार्ड में चीनी लहसुन की बिक्री पर बवाल मच गया है। यहां लाए गए प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन से गुस्साए किसानों ने पूरे सौराष्ट्र में इसकी नीलामी पर बैन का फैसला लिया है। आज कहीं भी इस लहसुन की नीलामी नहीं हुई। गुजरात की गोंडल सब्जी मार्केट यार्ड में दो दिन पहले भारतीय लहसुन के साथ मिलाकर 30 कट्टे प्रतिबंधित चाइनीज लहसुन के लाए गए थे। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान से गुजरात के उपलेटा होते हुए इसे गोंडल यार्ड लाया गया है।
कई जगह हुई चीनी लहसुन की सप्लाई
किसानों का आरोप है कि जैसे ही लहसुन की मांग बढ़ी तो यार्ड में चाइनीज लहसुन घुसाने का प्रयास किया गया है। यह समय लहसुन उत्पादक किसानों के लिए अच्छे दाम लेने का है। ऐसे में अगर चाइनीज लहसुन मार्केट में उतारा गया तो उनको लागत वसूलनी भी मुश्किल हो जाएगी।किसानों ने आरोप लगाया कि अन्य जगहों पर भी इसी तरह का चाइनीज लहसुन पहुंचाया गया है। ऐसे में मार्केट यार्ड के पदाधिकारियों और किसानों ने मामले में उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है, ताकि पता चल सके कि पाबंदी के बावजूद चीनी लहसुन सब्जी मार्केट में कैसे पहुंचा?
गुजरात में किसान पहले ही बाढ़ के चलते फसलों का भारी नुकसान झेल चुके हैं। ऐसे में अगर चाइनीज लहसुन या अन्य चाइनीज सब्जियां भारतीय बाजार में आती हैं तो किसानों को और भी चपत लगेगी। आज के समय में बाजार में एक मन लहसुन की कीमत 4000 से 5000 रुपये तक है। जबकि चाइनीज लहसुन डेढ़ से दो हजार प्रति मन में मिल जाता है।
राजकोट में रोजाना 2 हजार मन की आवक
राजकोट यार्ड में प्रतिदिन 1200 से ज्यादा लहसुन की बोरियां आती हैं। किसान नेता दिलीप संघाणी ने बताया कि सिर्फ गोंडल यार्ड में 2000 मन से ज्यादा लहसुन की रोजाना आवक होती है। ऐसे में प्रबंधित चाइनीज लहसुन को भारतीय बाजार में आने से रोकने के लिए सौराष्ट्र भर के यार्ड में व्यापार संघ की ओर से नीलामी बंद रखने का ऐलान किया गया है। अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में चीनी लहसुन बैन है। चीन बड़े पैमाने पर लहसुन की खेती करता है। इसके बाद वह दुनिया के तमाम देशों में इसे वैध और अवैध तरीके से भेजता है।
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बता दें कि चाइनीज लहसुन में कई तरह के हानिकारक केमिकल्स का उपयोग किया जाता है। वहीं, चाइनीज लहसुन को उगाने में मेटल, लेड और क्लोरीन का उपयोग किया जाता है। लोगों को ये पता भी नहीं है कि वो जिसे लहसुन समझकर खा रहे हैं, वो नकली है। क्योंकि चाइनीज लहसुन का स्वाद असली जैसा ही होता है। इसलिए कुछ लोग इसमें आसानी से फर्क नहीं कर पाते। ये लहसुन दिखने में ज्यादा सफेद और इसकी कलियां ज्यादा मोटी होती हैं। इस लहसुन को छीलना भले ही आसान होता है, लेकिन ये हानिकारक है।
चीनी लहसुन से कैंसर का खतरा
इस तरह का लहसुन खाने से नर्वस सिस्टम से जुड़ीं गंभीर बीमारियां होती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर प्रवीण गर्ग बताते हैं कि इससे कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। चीनी लहसुन हमारे स्वदेशी लहसुन से बड़ा होता है। चीनी इसे साफ करने के लिए ब्लीच करते हैं। जिसके अंदर केमिकल मिक्स होता है। भारत सरकार ने इसे बैन कर रखा है। यह जमीन की उपजाऊ शक्ति के लिए भी हानिकारक है।
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