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Haryana Election: कांग्रेस की रैली से टेंशन में क्यों BJP? जाटों ने दिया साथ तो बन सकती है बात

Haryana Politics: हरियाणा में बीजेपी के 10 साल सत्ता में रहने के बाद अब कांग्रेस में सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी है। इसके लिए पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा मांगे हिसाब नाम से कैंपेन की शुरुआत की है।
11:23 AM Jul 27, 2024 IST | Rakesh Choudhary
दीपेंद्र सिंह हुड्डा
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Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी सरगर्मियां तेज हो चुकी है। प्रदेश में अक्टूबर में महाराष्ट्र और झारखंड के साथ चुनाव प्रस्तावित है। इस बीच कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा मांगे हिसाब नाम से कैंपेन शुरू किया है। कैंपेन का नेतृत्व पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा कर रहे हैं। इसको लेकर वे पूरे हरियाणा में जनसभाएं कर रहे हैं।

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हरियाणा में कांग्रेस पिछले 10 सालों से सत्ता से दूर है। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को 5 सीटों पर मिली हार ने कांग्रेस को संजीवनी दी है। नतीजों से खुश कांग्रेस अब विधानसभा चुनाव में दोगुनी ताकत से जुट गई है। भूपिंदर सिंह हुड्डा के चेहरे को लेकर कांग्रेस के स्थानीय नेता खुश नहीं है। ऐसे में में अब अपने बेटे दीपेंद्र को आगे कर सियासी बिसात बिछा रहे हैं। बता दें कि हरियाणा कांग्रेस में कांग्रेस दो खेमों में बंटी हैं। एक गुट का नेतृत्व भूपिंदर सिंह हुड्डा कर रहे हैं जबकि दूसरे का कुमारी शैलजा कर रही है।

गुटबाजी बन सकती है समस्या

दीपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से कांग्रेस के 5 बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में प्रदेश में युवा चेहरे के तौर पर वे जनता की पहली पसंद बन सकते हैं। हालांकि गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस में उनकी स्वीकार्यता कितनी होगी? ये भी एक बड़ा विषय है। अगर कांग्रेस हरियाणा में गुटबाजी से दूर रहती है तो उसकी जीत तय है। वहीं बीजेपी में अनिल विज फिलहाल मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए भी इस बार प्रदेश का चुनाव इतना आसान नहीं है।

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जाट बनेंगे बदलाव के वाहक

हरियाणा में कांग्रेस की उम्मीदों को पंख लगाने का काम किया जाटों ने। जाट एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए लामबंद हुए हैं। हरियाणा में जाटों की आबादी 27 प्रतिशत के आसपास है। वहीं 90 में से 40 विधानसभा सीटों पर इनका सीधा प्रभाव है। अगर जाट वोटों का बीजेपी, इनेलो और जजपा में बंटवारा नहीं होता है तो कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है। लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को 46 प्रतिशत वोट मिले, जबकि 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत था। 2019 के चुनाव में 28 प्रतिशत वोट हासिल करने वाली कांग्रेस इस चुनाव में 43 प्रतिशत पहुंच गई है।

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Tags :
Assembly Election 2024congressDipendra Singh HoodaHaryana Politics
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