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सीएम के इस्तीफे के बाद क्या होता है, नए मुख्यमंत्री से पहले कौन चलाता है सरकार? जानें नियम

Manohar Lal Khattar Resign: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। नायब सैनी को नया सीएम घोषित किया गया है। हालांकि अभी उनका शपथ ग्रहण नहीं हुआ है। ऐसे में जानते हैं कि किसी राज्य के सीएम के इस्तीफा देने के बाद सरकार कैसे चलाई जाती है।
05:21 PM Mar 12, 2024 IST | Pushpendra Sharma
Haryana Former CM Manohar Lal Khattar (ANI File)
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Manohar Lal Khattar Resign: हरियाणा की सियासत में मंगलवार को अचानक सियासी भूचाल आया। जहां एक ओर बीजेपी-जेजेपी गठबंधन ध्वस्त हो गया तो वहीं दूसरी ओर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया। अब नायब सैनी को नया सीएम बनाया जाएगा। ऐसे में सवाल ये कि नायब सैनी के सीएम बनने से पहले सरकार कौन चलाएगा, क्या तब तक राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है? आइए जानते हैं इसे लेकर क्या नियम हैं।

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बने रहते हैं कार्यवाहक मुख्यमंत्री 

जानकारी के अनुसार, किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में सीएम के इस्तीफे के बाद वही कार्यवाहक सीएम बने रहते हैं। यानी जब तक नायब सैनी सीएम पद की शपथ नहीं ले लेते, मनोहर लाल खट्टर ही सरकार चलाएंगे। हालांकि वे ऐसा राज्यपाल की अनुशंसा के बाद ही करेंगे। साथ ही वे इस दौरान कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकते या किसी योजना को भी शुरू नहीं कर सकते। कार्यवाहक के तौर पर उनकी शक्तियां क्षीण हो जाती हैं। वे तब तक कार्यवाहक सीएम बने रहते हैं जब तक नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण नहीं हो जाता। कुछ ऐसा ही प्रधानमंत्री पद के साथ भी होता है।

वहीं राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य की जिम्मेदारी राज्यपाल संभालते हैं। इस दौरान भी कार्यवाहक मुख्यमंत्री का प्रावधान है, लेकिन उनके अधिकार काफी सीमित हो जाते हैं। आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 164 में मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा करने का प्रावधान है।

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कितने मंत्री रख सकते हैं CM? 

संविधान के अनुच्छेद 164 (1क) के अनुसार, किसी राज्य की मंत्रि-परिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 परसेंट से ज्यादा नहीं होगी। साथ ही मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होगी।

स्वार्थ को लेकर किया गया था गठबंधन: जेजेपी विधायक

बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूटने पर जेजेपी विधायक चिरंजीव राव ने कहा- निजी स्वार्थ और महत्वाकांक्षा को लेकर गठबंधन किया गया था। हमने लोकसभा चुनाव से पहले ही गठबंधन टूटने की भविष्यवाणी कर दी थी। उन्होंने आगे कहा- सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने के लिए सीएम का चेहरा बदला गया है।

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