होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

हरियाणा में किसका गेम खराब करेगी आम आदमी पार्टी? जोश में है कांग्रेस... लेकिन बीजेपी को फायदे की उम्मीद

AAP Haryana Election 2024: लोकसभा चुनाव के उलट आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। पार्टी ने हर सीट और हर बूथ पर फोकस करने का फैसला किया है। साथ ही गांवों में बैठकें आयोजित कर अपनी पैठ मजबूत करने पर फोकस कर रही है।
02:48 PM Jul 19, 2024 IST | News24 हिंदी
लोकसभा चुनाव के दौरान केजरीवाल ने हरियाणा में खास तौर पर फोकस किया था। फाइल फोटो
Advertisement

Haryana Assembly Election 2024: आम आदमी पार्टी ने हरियाणा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। ऐसे में सवाल ये है कि अगर आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ी तो किसे फायदा होगा। क्या कांग्रेस अकेले चुनाव लड़कर बीजेपी को हरा पाएगी या आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी दोनों का खेल खराब करेगी। बता दें कि हरियाणा में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। और सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी में जुटी हैं। कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं। उनकी यात्राओं का सिलसिला जारी है। किरण चौधरी के बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद हुड्डा विरोधी गुट कमजोर हुआ है। ऐसे में लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद से भूपिंदर सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस उत्साहित है। लेकिन आम आदमी पार्टी के अलग चुनाव लड़ने से कांग्रेस के मोमेंट्म को झटका लगने की आशंका बढ़ गई है।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में पंजाब CM मान ने फूंका चुनावी बिगुल, इस दिन लॉन्च होगी ‘केजरीवाल की गारंटी’

लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित AAP-कांग्रेस

लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने 5-5 सीटें जीती हैं। आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में एक सीट पर लड़ी थी, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अन्य सीटों पर दोनों पार्टियों के गठबंधन का फायदा अन्य सीटों पर जरूर मिला। 2019 में बीजेपी का वोट शेयर 58.20 प्रतिशत था, लेकिन 2024 के चुनाव में यह घटकर 46.30 प्रतिशत हो गया है। 2019 में कांग्रेस का वोट शेयर 28.50 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 43.80 प्रतिशत हो गया है। इन्हीं नतीजों से उत्साहित भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस के वोट शेयर में 20 परसेंट का इजाफा हुआ है, जनता ने कांग्रेस को कुर्सी पर बिठाने का मन बना लिया है।

ये भी पढ़ेंः ‘हरियाणा के लाल से डरती है भाजपा’, अरविंद केजरीवाल की जमानत पर बोले प्रदेश अध्यक्ष

Advertisement

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने 2019 में तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन 2024 में सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ा। बावजूद इसके आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 0.36 प्रतिशत से बढ़कर 3.94 प्रतिशत हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ मिलकर चुनाव लड़ती तो वोटों का बंटवारा नहीं होता और बीजेपी को बहुमत का आंकड़ा पाने में चुनौती का सामना करना पड़ता।

बीजेपी की चुनौतियां

हरियाणा में किसान आंदोलन और पहलवान बेटियों के आंदोलन ने बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया है। हालांकि राज्य में सरकार और संगठन में नेतृत्व परिवर्तन करके बीजेपी ने सत्ता विरोधी लहर को कुंद करने की कोशिश की है। बावजूद इसके जाटों की नाराजगी किसी से छुपी नहीं है। विपक्ष लगातार महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर नायब सिंह सैनी की सरकार को घेर रहा है। हालांकि बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़कर अकेले चलने का फैसला किया है। और उसे उम्मीद है कि पिछली बार की तरह वोटों का बंटवारा हुआ तो पार्टी बहुमत के आंकड़े तक पहुंच जाएगी। आम आदमी पार्टी का हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला बीजेपी की उम्मीदों के अनुरूप है।

क्या है AAP की रणनीति

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राष्ट्रीय संगठन मंत्री संदीप पाठक और हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता ने गुरुवार को कहा कि 20 जुलाई को हरियाणा के लिए केजरीवाल की गारंटी लॉन्च की जाएगी। इसके बाद आम आदमी पार्टी 6500 गांवों में 'बदलाव जनसंवाद' बैठकों का आयोजन करेगी। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दोहराया कि उनका फोकस हर सीट और हर बूथ पर है।


हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। अभी तीन सीटें खाली हैं। बीजेपी के राज्य में 41 विधायक हैं। कांग्रेस के 29 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। वहीं आईएनएलडी और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक विधायक हैं, जबकि निर्दलीय विधायकों की संख्या 5 है।

Open in App
Advertisement
Tags :
AAP HaryanaArvind KejriwalBhupinder Singh HoodaDeependra Hooda
Advertisement
Advertisement