BSP-ASP किसका बिगाड़ेगी खेल? गठबंधन से INLD-JJP को कितना फायदा? कांग्रेस-BJP को कितना नुकसान?

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। चुनाव आयोग ने दोबारा घोषणा करके 5 अक्टूबर को वोटिंग का ऐलान किया है। वहीं, 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। इस बार बीएसपी ने इनेलो और एएसपी ने जेजेपी से गठबंधन किया है। देखने वाली बात होगी कि किसको कितना फायदा होगा?

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Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में 4 बड़ी पार्टियों ने आपस में गठबंधन किया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने इनेलो (INLD) और आजाद समाज पार्टी (ASP) ने जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन किया है। ऐसे में दलित वोट बैंक कहां जाएगा? इसको लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। हरियाणा में लगभग 21 फीसदी वोट दलितों के हैं, जिनका काफी महत्व माना जाता है।

बीजेपी को इस बार हुआ 5 सीटों का नुकसान

अगर इस बार दलित वोटों में यूपी के दल सेंध लगाने में कामयाब हुए तो विश्लेषक इसका अधिक नुकसान कांग्रेस को बताते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में दलित वोटों का झुकाव कांग्रेस की तरफ हुआ था। जिसकी वजह से बीजेपी की सीटें आधी हो गईं। 2019 में 10 सीटें जीतने वाली बीजेपी 5 सीटों पर सिमट गई। ऐसे में वोट बिखरने का फायदा बीजेपी को मिलेगा।

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कांग्रेस संविधान और आरक्षण को लेकर बीजेपी पर हमलावर रही है। दोनों मुद्दे दलितों से जुड़े माने जाते हैं। ऐसे में इनेलो और जेजेपी की नजर दलित वोटों पर है। एएसपी और बीएसपी को दलितों की पार्टी माना जाता है। यही वजह है कि हरियाणा की क्षेत्रीय पार्टियों ने इनसे हाथ मिलाया है। जेजेपी ने 70 और एएसपी ने 20 सीटों पर लड़ने का फैसला किया है। वहीं, इनेलो ने 53 और बसपा ने 37 सीटों पर हाथ मिलाया है।

इनेलो की 78 सीटों पर नहीं बची थी जमानत

दिल्ली में जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला और एएसपी फाउंडर चंद्रशेखर आजाद ने गठबंधन का ऐलान किया था। पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो इनेलो ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें एक पर जीत मिली। 78 पर जमानत जब्त हो गई थी। इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था। किसी सीट पर जीत नहीं मिली। 82 सीटों पर जमानत नहीं बची थी। बसपा को चुनाव में 4.14 फीसदी वोट मिले थे।

वहीं, जेजेपी ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था। 10 पर जीत हासिल की थी। 14.84 फीसदी वोट जेजेपी को मिले थे। चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत से दूर रह गई थी। जिसके बाद दोनों दलों ने मिलकर सरकार बनाई। लोकसभा चुनाव से पहले दोनों का गठबंधन टूट गया। क्योंकि सीट शेयरिंग को लेकर बात नहीं बनी थी। लोकसभा में कांग्रेस और भाजपा ने 5-5 सीटों पर जीत हासिल की थी। अन्य कोई दल जीत नहीं हासिल कर पाया। इस बार हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे।

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