भूपेंद्र सिंह हुड्डा का अभेद किला मानी जाती है ये सीट, मोदी लहर में भी कांग्रेस को मिली थी जीत
Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भाजपा के लिए बड़ी चुनौती हैं। 2014 के बाद से हरियाणा में भाजपा सत्ता में है। 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने हुड्डा को उनके घर गढ़ी सांपला-किलोई में हराने के लिए पूरी ताकत लगाई, लेकिन हुड्डा अपना गढ़ बचाने में सफल रहे। अभी चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर को चुनाव होंगे। 4 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। लेकिन बीजेपी और इनेलो तारीखों को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए छुट्टियों का हवाला दिया गया है। बताया गया है कि छुट्टियों के कारण लोग बाहर चले जाएंगे। जिसके कारण वोटिंग कम होगी। आयोग का फैसला अभी बाकी है।
मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में
इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है। आम आदमी पार्टी के हरियाणा में आने के बाद लड़ाई रोचक हो गई है। प्रदेश में इस बार सबसे हॉट सीट गढ़ी सांपला-किलोई मानी जा रही है। जहां से लगातार हुड्डा जीत रहे हैं। पिछली बार भाजपा ने हुड्डा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस बार भी बीजेपी रणनीति बनाकर इस सीट पर उम्मीदवार घोषित करेगी।
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माना जा रहा है कि भाजपा इस सीट पर पूर्व मंत्री कृष्णमूर्ति हुड्डा को टिकट दे सकती है। हुड्डा पहले कांग्रेस में थे। वे इस सीट से 1991 में जीत हासिल कर चुके हैं। वहीं, दिग्गज नेता सतीश नांदल के बेटे संचित नांदल और हरियाणा कुश्ती संघ के चेयरमैन रमेश बोहर का नाम भी चल रहा है। जिला परिषद की चेयरपर्सन मंजू हुड्डा भी दावेदारों में शामिल हैं। वहीं, इनेलो से वकील कृष्ण कौशिक, आप से जगवीर हुड्डा और जेजेपी से संदीप हुड्डा का नाम आगे चल रहा है। सभी दलों की कोशिश है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को घर में ही घेर लिया जाए।
हुड्डा 5 बार हासिल कर चुके जीत
लेकिन आंकड़ों पर नजर डालें तो ऐसा आसान नहीं लग रहा है। भाजपा की ओर से पूर्व सीएम मनोहर लाल, कृष्णपाल गुर्जर और राव इंद्रजीत के नाम पर भी मंथन किया जा रहा है। ताकि आसपास की सीटों पर भी असर पड़े। लेकिन हाईकमान को फाइनल फैसला करना है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा यहां से 5 बार चुनाव जीत चुके हैं। इसके अलावा उनके परिवार के दूसरे लोग भी इस सीट से विधायक बन चुके हैं। हुड्डा 2005 में किलोई से उपचुनाव जीतकर दूसरी बार विधायक बने थे। इससे पहले जब उनको विधायक दल का नेता चुना गया, तब वे सांसद थे। बाद में श्रीकृष्ण हुड्डा ने सीट खाली कर दी। जिसके बाद हुड्डा उपचुनाव जीते। इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं।
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