पूर्व पुलिस अफसर से लेकर पूर्व IAS तक, इन सीटों पर नौकरशाहों ने बढ़ाई दिग्गजों की टेंशन
Haryana Assembly Election: हरियाणा की 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। हरियाणा में चुनावी माहौल पूरी तरह गर्मा चुका है। 5 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जो 12 सितंबर तक चलेगी। इस बार के विधानसभा चुनाव में कई कैंडिडेट्स ऐसे हैं, जो नौकरी छोड़कर राजनीति में उतरे हैं। उनके बारे में जानते हैं...
सुनील सांगवान: दादरी की सीट से पूर्व जेलर सुनील सांगवान पर बीजेपी ने दांव खेला है। सुनील हरियाणा में जेलर रहे हैं। उनके सुनारियां जेल अधीक्षक के पद पर रहते हुए गुरमीत राम रहीम को कई बार पैरोल मिली है। जिसको लेकर वे चर्चा में रहे हैं। कुछ ही समय पहले उन्होंने VRS लिया है। जिसके बाद बीजेपी ने उनको दादरी से टिकट दिया है। उनके पिता सतपाल सांगवान भी दादरी से जीतकर मंत्री बन चुके हैं।
बृजेंद्र सिंह: पूर्व IAS बृजेंद्र सिंह 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में आए थे। जो हिसार से सांसद बने। अब वे बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में आ चुके हैं। जिनको जींद जिले की उचाना सीट से टिकट मिला है। बृजेंद्र सिंह ने 21 साल जॉब की थी। उनके पिता बीरेंद्र सिंह हरियाणा के बड़े नेता रहे हैं। इस बार उनका मुकाबला चौटाला परिवार के दुष्यंत चौटाला से होगा। जो हरियाणा के डिप्टी सीएम रह चुके हैं। वहीं, भाजपा ने यहां से देवेंद्र अत्री को टिकट दिया है।
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सुनीता दुग्गल: सुनीता दुग्गल को भाजपा ने रतिया सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। जो पूर्व IRS अफसर रही हैं। 2019 में वे अशोक तंवर को हराकर सिरसा से सांसद बन चुकी हैं। उनके पति राजेश दुग्गल हरियाणा कैडर के IPS अफसर हैं। 2014 में भी सुनीता दुग्गल को रतिया से भाजपा ने टिकट दिया था। जो महज 453 वोटों से हार गई थीं। अब 10 साल बाद फिर से उनके ऊपर बीजेपी ने दांव खेला है। रतिया से मौजूदा बीजेपी विधायक लक्ष्मण नापा का टिकट भाजपा ने काट दिया था। सुनीता के सामने आप ने मुख्तियार सिंह बाजीगर को उतारा है।
अभय सिंह यादव: महेंद्रगढ़ की नांगल चौधरी सीट से बीजेपी ने मौजूदा विधायक डॉ. अभय सिंह यादव पर ही दांव खेला है। जो IAS अफसर रह चुके हैं। वे हरियाणा के कई जिलों में डीसी जैसा अहम पद संभाल चुके हैं। 2014 में उन्होंने VRS लेकर राजनीति में एंट्री की थी। 2019 में दोबारा जीते। अब तीसरी बार फिर बीजेपी ने कैंडिडेट बनाया है। अभय को सैनी सरकार में सिंचाई मंत्री बनाया गया था।
रेनू डाबला: रोहतक जिले की कलानौर सीट से भाजपा ने रेनू डाबला को टिकट दिया है। 2013 में रेनू ने ANM की नौकरी छोड़ राजनीति में एंट्री की थी। निगम का चुनाव लड़ा। जीतने के बाद पहली बार मेयर बनीं। 2019 में उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह भाजपा का दामन थाम लिया था। उनका मुकाबला अब कांग्रेस की मौजूदा विधायक शकुंतला खटक से होगा। इस बार चुनाव में भी कई अधिकारी नौकरी छोड़ पार्टियों का टिकट हासिल कर चुके हैं। देखने वाली बात होगी कि उनको टिकट मिलेगा या नहीं।
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