HOT सीट जुलाना में त्रिकोणीय मुकाबला; विनेश फोगाट, कविता दलाल और योगेश बैरागी...कौन जीतेगा 'दंगल'?
Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में सबकी नजर जुलाना सीट पर है। इस सीट से दो महिला पहलवानों और एक पूर्व विस्तारा एयरलाइंस के पायलट के बीच कड़ा मुकाबला है। कांग्रेस ने यहां से पहलवान आंदोलन और ओलंपिक डिस्क्वालिफिकेशन को लेकर चर्चाएं बटोर चुकीं विनेश फोगाट पर दांव खेला है। वहीं, भाजपा ने कैप्टन योगेश बैरागी, आम आदमी पार्टी (AAP) ने WWE रेसलर कविता दलाल को टिकट दिया है। वहीं, INLD-BSP गठबंधन ने डॉ. सुरेंद्र लाठर और जननायक जनता पार्टी (JJP) ने मौजूद विधायक अमरजीत सिंह ढांडा पर दांव खेला है। सोशल मीडिया पर इस सीट की खूब चर्चा है।
4 पार्टियों ने जाटों को दिया टिकट
यहां एंटी इनकंबेंसी के बीच विनेश को मजबूत माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक 10 साल सरकार चला चुकी बीजेपी और जेजेपी का विधायक होने के बाद भी मनमाफिक विकास नहीं होने के चलते लोग दोनों पार्टियों से नाराज बताए जा रहे हैं। लेकिन जातीय समीकरणों के हिसाब से यहां खेल हो सकता है। जुलाना में 1.87 लाख वोटर हैं। 70 फीसदी वोट जाटों के हैं। लेकिन प्रमुख 5 में से 4 पार्टियों ने जाट चेहरों पर दांव खेला है। विनेश, लाठर, दलाल और ढांडा के बीच अगर जाट वोट बंटे तो खेल हो सकता है। क्योंकि 30 फीसदी ओबीसी वोटरों का लाभ बीजेपी को मिल सकता है।
जाट नहीं बटे तो भाजपा की राह मुश्किल
अगर जाट एकजुट रहे तो भाजपा के कैप्टन बैरागी की राह मुश्किल होगी। जुलाना के समीकरणों का लाभ विनेश फोगाट को सहानुभूति के तौर पर मिल सकता है। कुछ ऐसी ही सोच टिकट देने के पीछे कांग्रेस की रही है। वहीं, बीजेपी को उम्मीद है कि जाट वोट बंटेगा। ओबीसी वोट एकजुट रहेगा, जिसका सीधा लाभ योगेश बैरागी को मिलेगा।
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जुलाना सीट इनेलो का गढ़ रही है। 2009 और 2014 में लगातार यहां से परमेंद्र सिंह ढुल ने जीत दर्ज की। वहीं, 2019 में इनेलो से निकली पार्टी जेजेपी के अमरजीत ढांडा जीते। इनेलो-बसपा उम्मीदवार सुरेंद्र लाठर 10-12 गांवों में अच्छी पैठ रखते हैं। कांग्रेस 15 साल से यहां जीत की आस लगाए बैठी है। स्थानीय कांग्रेस नेता धर्मेंद्र ढुल, रोहित दलाल और परमेंद्र ढुल कांग्रेस से टिकट के दावेदार थे। लेकिन पार्टी ने विनेश को मैदान में उतारा। ऐसे में भीतरघात का खतरा भी महिला पहलवान को है।
बीजेपी को पहली जीत की आस
बीजेपी अब तक इस सीट से नहीं जीत पाई है। अधिकतर जाट कैंडिडेट ही यहां से जीते हैं। यहां ब्राह्मण समाज के 21 हजार और ओबीसी के 29 हजार वोट हैं। किसान और पहलवान आंदोलन के बूते कांग्रेस को इस बार यहां से जीत की आस है। विनेश जुलाना की बहू हैं। मूल रूप से वे दादरी जिले के बलाली की रहने वाली हैं। कुछ कैंडिडेट उनको बाहरी बता रहे हैं। जबकि वे खुद को बहू के तौर पर पेश कर समर्थन मांग रही हैं।
वहीं, कैप्टन बैरागी भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के हरियाणा उपाध्यक्ष और BJP खेल प्रकोष्ठ के सहसंयोजक की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। सफीदों का होने की वजह से उनके ऊपर बाहरी का टैग लगा है। वहीं, कविता दलाल भी जुलाना के मालवी गांव की रहने वाली हैं। जिनसे आप को जीत की उम्मीद है। वे WWE से जुड़ी रही हैं। खुद को बेटी बताकर लोगों से वोट मांग रही हैं। देखने वाली बात होगी कि यहां किस उम्मीदवार को जनता का समर्थन मिलता है?
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