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HOT सीट कलायत... जाट चेहरों में मुकाबला, अपनों की बगावत; नाराजगी और सहानुभूति ने बदले समीकरण

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटिंग के लिए चंद दिन बचे हैं। 5 अक्टूबर को वोटिंग के बाद 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। कैथल जिले की कलायत सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। कांग्रेस, इनेलो और बीजेपी के बीच टक्कर है।
02:43 PM Oct 02, 2024 IST | Parmod chaudhary
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Haryana Assembly Election: कैथल जिले की कलायत सीट पर इस बार कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। कपिल मुनि की धरती कलायत में इस बार मुख्य मुद्दा विकास है। कलायत के ग्रामीण इलाकों में भी समस्याओं के अंबार लगे हैं। जाट बहुल सीट पर अधिकतर पार्टियों ने जाट चेहरे पर ही दांव खेला है। जिसके बाद मुकाबला रोमांचक हो गया है। इस बार 5 जाट मैदान में हैं। कांग्रेस ने यहां से हिसार के सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को टिकट दिया है। उनके सामने भाजपा ने मौजूदा विधायक और साढ़े चार साल मंत्री रहीं कमलेश ढांडा पर दांव खेला है। INLD-BSP गठबंधन ने रामपाल माजरा और आम आदमी पार्टी (AAP) ने अनुराग ढांडा को टिकट दिया है। JJP-ASP के प्रीतम मेहरा मैदान में हैं।

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बागी किसका बिगाड़ेंगे खेल?

इस सीट से भाजपा से बागी ब्राह्मण नेता विनोद निर्मल और कांग्रेस से बागी अनीता ढुल आजाद लड़ रही हैं। कमलेश ढांडा को बिना सिफारिश नौकरियां मिलने पर जीत की उम्मीद है। भाजपा का जमीनी स्तर पर संगठित होना भी उनकी मजबूती का कारण है। रामपाल माजरा अपने पुराने रसूख के कारण वोट मांग रहे हैं। अनुराग ढांडा नई राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं। लेकिन उनकी राह आसान नहीं है। निर्दलीयों ने समीकरणों को उलझा दिया है। विनोद निर्मल को यदि राजपूतों और गैर जाट वोटों का सहारा मिला तो वे भी खेल कर सकते हैं। कलायत में दो लाख से अधिक वोटर अपने विधायक का चयन करेंगे।

कांग्रेस सांसद जेपी का महिलाओं को लेकर दिया गया बयान भी चर्चा में है। जेपी इसके लिए खेद भी जाहिर कर चुके हैं। लेकिन महिलाओं में इसको लेकर नाराजगी है। कांग्रेस से बागी अनीता ढुल इस मुद्दे को भुना सहानुभूति बटोर रही हैं। अगर आप और बागियों को वोटरों का साथ मिला तो भाजपा और कांग्रेस दोनों का खेल बिगड़ सकता है।

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कलायत शहर में सफाई और आवारा पशुओं की भरमार मुख्य मुद्दा है। राजौंद इलाके में टूटी सड़कें और गंदे पानी की निकासी मुख्य मुद्दे हैं। असंध से कैथल जाने वाली सड़क ढाई साल से नहीं बनी है। इस वजह से इलाके के लोगों में नाराजगी है। जो कमलेश ढांडा पर भारी पड़ सकती है।

सहारण गौत्र के कई गांव

सांसद जेपी इसी सीट के अंतर्गत आने वाले गांव दुबल के रहने वाले हैं। जेपी खुद तो नहीं, उनके बेटे नाम के आगे सहारण लगाते हैं। जिसकी वजह हलके में सहारण गौत्र के कई गांव होना है। वहीं, हलके में ढुल गौत्र के सेरधा, बड़सीकरी, हरसोला खेड़ी और हरसोला गांव हैं। ढुल वोटर उनसे छिटके तो भी खेल हो सकता है। कलायत को देवीलाल परिवार का गढ़ माना जाता है। यहां से जनता पार्टी, इनेलो और लोकदल 2-2 बार जीती है। एक बार हविपा और एक बार निर्दलीय की जीत हुई है। दो बार महिलाएं जीती हैं। इस बार भी दो महिलाएं कमलेश ढांडा और अनीता ढुल पुरुष प्रत्याशियों को टक्कर दे रही हैं।

विकास सहारण के पिता सांसद हैं। कांग्रेस वेव के बीच उनको जीत की आस है। वहीं, नया चेहरा होना और पिता का महिला विरोधी बयान देना उनके लिए भारी साबित हो सकता है। कमलेश ढांडा के पति नरसिंह ढांडा पहले विधायक बन चुके हैं। मंत्री रहने के बाद भी बड़ा प्रोजेक्ट न ला पाना उनके खिलाफ मुद्दा बन रहा है। वे साढ़े चार साल में बिना पर्चा बिना खर्ची मिली नौकरियों और अपने करवाए कामों को गिनवाकर वोट मांग रही हैं। कलायत में पिछली बार BJP कैंडिडेट कमलेश ढांडा को 53805 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर INC के जयप्रकाश को 44831 वोट मिले थे। यहां सबसे अधिक 87 हजार वोट जाटों के हैं।

गैर जाट वोटर कर सकते हैं खेल

ब्राह्मणों के 24 हजार और राजपूतों के 10 हजार वोट हैं। पिछले चुनाव में इनका रुख बीजेपी की ओर था। sc के यहां 45 हजार वोट हैं। माना जा रहा है कि INLD-BSP के रामपाल माजरा और JJP-ASP के प्रीतम मेहरा में इनका बिखराव होगा। 2009 में नर सिंह ढांडा ने पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और लेकिन वे 5वें नंबर पर रहे। 13 दिसंबर 2009 को उनका निधन हो गया था। जिसके बाद उनकी पत्नी कमलेश ढांडा राजनीति में आईं। इस बार देखने वाली बात होगी कि कलायत के मतदाता किसके ऊपर भरोसा जताते हैं? हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा।

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