वो विधानसभा चुनाव, जब दो सीटों पर आपस में टकरा गए थे हरियाणा के तीनों लाल
Haryana Assembly Elections: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। हरियाणा की राजनीति में 3 लाल हुए हैं। बंसीलाल, देवीलाल और भजनलाल से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं। जिनका जिक्र आज भी होता है। एक ऐसा चुनाव हुआ था, जिसमें देवीलाल ने बंसीलाल और भजनलाल को घेरने के लिए उनके खिलाफ लड़ने का ऐलान कर दिया था। इस चुनाव की चर्चा पूरे देशभर में हुई थी। यह दिलचस्प चुनाव 1972 में हुआ था। जब पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल ने तोशाम विधानसभा सीट से पूर्व सीएम बंसीलाल के खिलाफ चुनाव लड़ा। इसके बाद उन्होंने भजनलाल के खिलाफ आदमपुर सीट से भी नामांकन दाखिल कर दिया था। लेकिन चुनाव परिणामों के बाद देवीलाल गायब हो गए थे। जो लगभग डेढ़ साल बाद राजनीति में लौटे।
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देवीलाल को कांग्रेस छोड़े 2 ही साल हुए थे। वे कांग्रेस विरोधी आंदोलन के बाद बड़ा चेहरा बन चुके थे। जो बंसीलाल से खासे नाराज थे। जिसके बाद भजनलाल और बंसीलाल के गढ़ से चुनाव में उतरने का ऐलान किया था। बंसीलाल उस समय सीएम थे। आदमपुर भजनलाल का अभेद गढ़ था। लेकिन इसके बाद भी बंसीलाल ने दोनों नेताओं को उनके घर में चुनौती दी। लेकिन तोशाम और आदमपुर दोनों सीटों से उनको हार का सामना करना पड़ा।
1974 में पहली बार विधायक बने देवीलाल
तोशाम से देवीलाल 20494 और आदमपुर से 10961 वोटों से हारे। इसके बाद वे राज्यसभा चुनाव भी हार गए थे। बंसीलाल 1968 में हरियाणा के सीएम बने थे। उन्होंने देवीलाल को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया था। लेकिन कुछ समय बाद ही दोनों में खटपट हो गई। जिसके बाद देवीलाल ने उनके और भजनलाल के खिलाफ इलेक्शन लड़ने का मन बनाया था। हार के बाद देवीलाल ने 1974 में रोड़ी से चुनाव लड़ा था। जिसमें जीत दर्ज करने के बाद पहली बार विधायक बने थे।
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