टिकट वितरण में दिखा भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा की कितनी चली?
Haryana Assembly Elections: कांग्रेस और भाजपा की उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल होने के बाद कई सीटों पर मुकाबला रोचक हो गया है। टिकट से वंचित नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ कई सीटों पर निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट देखें तो हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा साफ दिखा है। परिवारवाद का मुद्दा भी प्रमुख है। बड़े नेताओं के परिजनों को भी टिकट मिले हैं। कांग्रेस की आपसी खींचतान के बीच कई सीटों को होल्ड भी किया गया था। सहमति बनाने की कोशिश हुई। लेकिन धीरे-धीरे तस्वीर साफ हो गई। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 90 में से लगभग 72 टिकट हुड्डा की पसंद के उम्मीदवारों को मिले हैं। शैलजा के 9 और रणदीप के 2 समर्थकों को टिकट मिले हैं।
4-5 सीटों पर हुड्डा की भी नहीं चली
वहीं, 1 सीट पर पार्टी ने कैंडिडेट नहीं उतारा। सूत्रों के मुताबिक सर्वे में जिनका नाम सामने आया था, अधिकतर उन्हीं प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है। 4-5 सीटें ऐसी रहीं, जहां हुड्डा अपनी पसंद के लोगों को टिकट नहीं दिलवा सके। हुड्डा के अलावा रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा भी सीएम पद की दावेदार हैं। दोनों नेताओं ने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। दोनों अपने करीबी कुछ नेताओं को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे हैं।
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कांग्रेस की लिस्ट पर गौर किया जाए तो बड़े नेताओं के परिजनों को खूब मौका मिला है। कैथल से रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला को टिकट मिला है। सुरजेवाला फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं। जबकि मुलाना से पूजा चौधरी को कांग्रेस ने टिकट दिया है। वे अंबाला के सांसद वरुण चौधरी की पत्नी हैं। इससे पहले वरुण इसी सीट से विधायक थे। वरुण के पिता फूलचंद मुलाना हुड्डा सरकार में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। जो इसी सीट से जीते थे।
बेटों को टिकट दिलवा गए दिग्गज
पंचकूला से कांग्रेस ने पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन पर दांव खेला है। उनके भतीजे भव्य भाजपा के टिकट पर आदमपुर से प्रत्याशी हैं। पलवल सीट से हुड्डा के समधि करण दलाल को टिकट मिला है। वहीं, हिसार के सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को भी कांग्रेस ने कैथल जिले की कलायत सीट से मैदान में उतारा है। महम से आनंद सिंह दांगी के बेटे बलराम दांगी को टिकट मिला है। आनंद सिंह दांगी महम कांड के बाद चर्चा में आए थे। वे इस सीट से कई बार जीत चुके हैं।
वहीं, तोशाम से बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी को मैदान में उतारा गया है। उनका मुकाबला अपनी चचेरी बहन श्रुति चौधरी से है। जो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। उनकी मां किरण चौधरी को बीजेपी ने राज्यसभा भेजा था। लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। वहीं, बंसीलाल के दामाद सोमवीर सिंह श्योराण को कांग्रेस ने बाढ़डा से मैदान में उतारा है।
कई सीटों पर मचा घमासान
टिकट वितरण के बाद कांग्रेस में कई नेता अंसतुष्ट हैं। अंबाला कैंट से चित्रा शर्मा निर्दलीय लड़ रही हैं। जो अंबाला से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे निर्मल सिंह की बेटी हैं। पानीपत की शहरी सीट पर भी ऐसा ही हाल है। पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी आजाद लड़ रही हैं। वहीं, ग्रामीण सीट से विजय जैन दावा ठोंक रहे हैं। वहीं, तिगांव से ललित नागर का टिकट कटा है। जो आजाद लड़ रहे हैं। पार्टी ने यहां से यशपाल नागर के बेटे रोहित नागर को टिकट दिया है। इसी तरह से बवानीखेड़ा की सीट पर कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं।
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