बेटे-बेटियों को जीत दिलाने के लिए पसीना बहा रहे ये दिग्गज, हरियाणा की इन सीटों पर कांटे का मुकाबला
Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कई दिग्गज नेताओं ने इस बार खुद लड़ने के बजाय बेटा-बेटियों को टिकट दिलवाए हैं। अपनी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए ये नेता जमकर पसीना बहा रहे हैं। जीत दिलाने के लिए दिन-रात जनता के बीच रहकर प्रचार कर रहे हैं। प्रोग्राम तय करना, विरोधी पर हमला करना सब रणनीति दिग्गज ही बना रहे हैं। देखने वाली बात होगी कि हरियाणा की जनता इन नेताओं की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने पर मुहर लगाएगी या नहीं। कई सीटों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
दुष्यंत के लिए माता-पिता ने लगाया जोर
पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला जेजेपी के टिकट पर उचाना से मैदान में हैं। उनके प्रचार का जिम्मा मां नैना चौटाला ने संभाल रखा है। वे गांव-गांव घूमकर महिलाओं के जरिए पैठ मजबूत कर रही हैं। दुष्यंत के पिता अजय चौटाला भी लगातार फील्ड में बेटे के लिए सक्रिय हैं। इसी सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया है। अपने राजनीतिक संन्यास का ऐलान करने वाले बीरेंद्र बेटे को जीत दिलाने के लिए पसीना बहा रहे हैं। पूर्व विधायक रह चुकीं प्रेमलता भी अपने बेटे के लिए गांव-गांव का दौरा कर रही हैं। बीरेंद्र सिंह नाराज लोगों को घर-घर जाकर मना रहे हैं।
आदित्य सुरजेवाला का क्या होगा?
वहीं, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला बेटे आदित्य सुरजेवाला को कांग्रेस का टिकट दिलाने में सफल रहे हैं। कैथल सीट पर सुरजेवाला लगातार लोगों के बीच जा रहे हैं। गांव-शहर की हर गली को बेटे के लिए नाप रहे सुरजेवाला सिर्फ 3 ही घंटे सो पा रहे हैं। वहीं, हिसार के सांसद जयप्रकाश (JP) ने बेटे को कलायत से टिकट दिलवाया है। बेटा हलके के लिए नया चेहरा है। लेकिन पिता जेपी लोगों के बीच जाकर पूरा चुनाव संभाल रहे हैं। विरोधियों पर जोरदार हमला करने के साथ ही जेपी नाराज लोगों को भी मना रहे हैं। बताया जा रहा है कि जेपी सिर्फ 5 घंटे नींद लेते हैं। बाकी समय हलके में गुजार रहे हैं।
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वहीं, रेवाड़ी से चिरंजीव यादव को जीत दिलाने के लिए अजय यादव लगातार फील्ड में सक्रिय हैं। पुराने कार्यकर्ता उनके साथ दिख रहे हैं। वहीं, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी को बीजेपी ने अटेली से टिकट दिया है। राव साहब भी अपनी लाडली के लिए लोगों के बीच वोट मांग रहे हैं। आरती राव हलके के लिए नया चेहरा हैं, लेकिन पिता की वोटरों में पकड़ का फायदा उनको मिल सकता है।
आरती राव के लिए डटे इंद्रजीत
आरती भी काफी समय फील्ड में गुजार रही हैं। तोशाम सीट पर अपनी बेटी श्रुति को जीत दिलाने के लिए राज्यसभा सांसद किरण चौधरी डटी हुई हैं। श्रुति के सामने चचेरे भाई अनिरूद्ध चौधरी को कांग्रेस ने टिकट दिया है। उनके लिए पिता रणबीर महेंद्रा ने मोर्चा संभाल रखा। बंसीलाल परिवार एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहा है।
देखने वाली बात होगी कि यहां से कौन जीतता है? अंबाला सीट से कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी निर्मल सिंह अपनी बेटी के लिए वोट नहीं मांग पा रहे। बेटी ने अंबाला कैंट से कांग्रेस का टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया। जिसके बाद चित्रा सरवारा बागी होकर चुनाव मैदान में डटी हैं। पार्टी ने उनको 6 साल के लिए निष्कासित भी कर दिया है।
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