हरियाणा की राजनीति में परिवारवाद हावी! बड़े राजनीतिक घरानों से इस बार कौन-कौन मैदान में?
Haryana Assembly Elections: हरियाणा की राजनीति में प्रदेश के गठन के बाद से ही परिवारवाद हावी है। हरियाणा के सीएम रहे राव बीरेंद्र सिंह राव तुलाराम के वंशज हैं। वहीं, दो बार सीएम बन चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता रणबीर सिंह देशवाली बेल्ट में सक्रिय थे। किसान नेता कहे जाने वाले छोटूराम के दामाद चौ. नेकीराम बांगर की राजनीति में बड़ा नाम रहे। वहीं, इससे पहले संयुक्त पंजाब में वे मंत्री बने थे। आज उनके नाती बीरेंद्र सिंह बांगर में बड़ा नाम हैं। बीरेंद्र के बेटे बृजेंद्र को कांग्रेस ने उचाना से टिकट दिया है।
कांग्रेस ने 24 टिकट बड़े परिवारों को दिए
वहीं, चौ. देवीलाल हरियाणा और देश की राजनीति में एक्टिव रहे। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी परिवारवाद की झलक दिख रही है। बड़े राजनीतिक घरानों के 24 उम्मीदवारों को कांग्रेस और 11 को बीजेपी ने टिकट दिए हैं। तोशाम में बंसीलाल और सिरसा में चौटाला परिवार आमने-सामने हैं। डबवाली सीट पर चौटाला फैमिली के चार लोग चुनाव लड़ रहे हैं। कुल मिलाकर चौटाला फैमिली के 8 लोग विभिन्न जिलों से मैदान में हैं। सभी प्रत्याशी दूसरी से चौथी पीढ़ी के हैं। देवीलाल के छोटे बेटे रणजीत सिंह खुद रानियां से निर्दलीय लड़ रहे हैं। उनके सामने बड़े भाई ओपी चौटाला के पोते अर्जुन चौटाला इनेलो से कैंडिडेट हैं।
चौटाला के छोटे बेटे अभय ऐलनाबाद से इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, अभय के भतीजे दुष्यंत चौटाला जेजेपी के टिकट पर उचाना, छोटे भतीजे दिग्विजय डबवाली से मैदान में हैं। देवीलाल के बेटे प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला की पत्नी सुनैना इनेलो के टिकट पर फतेहाबाद से भाग्य आजमा रही हैं। चौटाला परिवार के सदस्य अमित सिहाग कांग्रेस के टिकट पर डबवाली से ही मैदान में हैं। बहादुरगढ़ की बात करें तो कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून को उनके भतीजे टक्कर दे रहे हैं।
बंसीलाल फैमिली एक सीट पर आमने-सामने
बंसीलाल फैमिली भी आमने-सामने चुनाव लड़ रही है। तोशाम सीट से भाजपा के टिकट पर श्रुति चौधरी मैदान में हैं। वहीं, बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को कांग्रेस ने उनके खिलाफ उतारा है। रणबीर सिंह के बेटे भूपेंद्र हुड्डा गढ़ी सांपला-किलोई से लड़ रहे हैं। दादा की विरासत को हुड्डा के बेटे दीपेंद्र भी आगे बढ़ा रहे हैं। जो रोहतक से लोकसभा चुनाव जीते हैं। भजनलाल परिवार की बात करें तो हिसार में आदमपुर से कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई को बीजेपी ने टिकट दिया है। वहीं, फतेहाबाद से भव्य के ताऊ दूड़ाराम बीजेपी के टिकट पर मैदान में हैं। पंचकूला से कांग्रेस ने भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन पर दांव खेला है।
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वहीं, बीजेपी ने पूर्व मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी शक्तिरानी को कालका से कैंडिडेट घोषित किया है। पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील ने कुछ समय पहले ही जेलर की नौकरी से इस्तीफा दिया था। उनको चरखी दादरी से कैंडिडेट बनाया गया है। इसके अलावा कांग्रेस ने पूर्व मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा के बेटे मनजीत को पिहोवा, गयालाल के बेटे उदयभान को होडल, आनंद सिंह दांगी के बेटे बलराम को महम से टिकट दिया है।
कांग्रेस ने सांसदों को किया खुश
वहीं, शिवचरण शर्मा के बेटे नीरज को फरीदाबाद NIT से, हरपाल सिंह के बेटे परमवीर को टोहाना से टिकट दिया गया है। बीजेपी ने करतार भड़ाना के बेटे मनमोहन को समालखा से कैंडिडेट घोषित किया है। इस बार कांग्रेस ने अपने सांसदों के परिजनों को भी टिकट बांटे हैं। अंबाला के सांसद वरुण चौधरी की पत्नी पूजा को मुलाना, हिसार के सांसद जयप्रकाश के बेटे विकास सहारण को कलायत से टिकट दिया गया है। राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य को कैथल से मैदान में उतारा गया है।
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