ताऊ के गढ़ में बदले चुनावी समीकरण, इन नेताओं ने बढ़ाई देवीलाल के लालों की टेंशन
Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर लगभग हर पार्टी ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होगी। वहीं, 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। इस बार भी पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल के परिवार से कई प्रत्याशी विभिन्न पार्टियों से चुनाव लड़ रहे हैं। पंजाब की सीमा से सटे डबवाली विधानसभा क्षेत्र से ताऊ के परपोते दिग्विजय चौटाला को जेजेपी ने मैदान में उतारा है। यहां से कांग्रेस विधायक अमित सिहाग के सामने अपनी सीट बचाने की चुनौती है। वहीं, इनेलो ने भी देवीलाल के परिवार से ही आदित्य देवीलाल को यहां से मैदान में उतारा है। जो पहले एक बार यहां से जीत चुके हैं।
AAP और BJP ने किया खेल
वहीं, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने यहां से पंजाबी वर्ग के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। जिसके कारण देवीलाल के लालों के चुनावी समीकरण गड़बड़ा गए हैं। इस बार मतदाताओं के सामने दो ऑप्शन होंगे। वे युवा चेहरों को भी चुन सकते हैं। वहीं, अनुभवी प्रत्याशियों को फिर से चुन सकते हैं। डबवाली सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है। कांग्रेस के अमित सिहाग, INLD के आदित्य चौटाला और JJP के दिग्विजय चौटाला के बीच कांटे की टक्कर है। कांग्रेस प्रत्याशी अमित सिहाग लोकसभा में पार्टी को मिली बढ़त से उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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वहीं, वे हुड्डा और शैलजा दोनों के खास हैं। इसलिए Haryana कांग्रेस की गुटबाजी का लाभ विरोधियों को नहीं मिलेगा। भितरघात का खतरा कम है। वहीं, AAP ने कुलदीप गदराना और BJP ने बलदेव सिंह मांगेआना पर दांव खेला है। जो पंजाबी समुदाय से हैं और ताऊ के लालों की राह मुश्किल करते दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में पंजाबी वोटर कांग्रेस के साथ थे।
किसकी तरफ जाएंगे SC वोटर?
अब पंजाबी कैंडिडेट्स के कारण ये छिटक सकते हैं। जिसका नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। वहीं, JJP ने चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी (ASP) से गठबंधन किया है। INLD और BSP में भी गठबंधन हुआ है। बसपा के हर हलके में ऐसे वोटर हैं, जो हर स्थिति में उसके साथ रहते हैं। इसलिए अब माना जा रहा है कि SC वोटरों का बंटवारा जेजेपी और इनेलो में होगा। आदित्य देवीलाल और इनेलो का भी डबवाली में प्रभाव रहा है। इस सीट से दिग्विजय चौटाला के पिता अजय सिंह चौटाला और मां नैना चौटाला भी जीत चुके हैं। जिनकी पकड़ का फायदा दिग्विजय को मिल सकता है।
डबवाली के कई गांवों में लोगों को बिना सिफारिश नौकरी मिली है। भाजपा इस मुद्दे को भुना रही है। इस इलाके में संघ और पूर्व सीएम मनोहर लाल का प्रभाव भी है। जिसको लेकर बीजेपी उम्मीद लगाए बैठी है। पंजाब से सटे डबवाली में इस समय नशा सबसे बड़ा मुद्दा है। अमित सिहाग कई बार इसे विधानसभा में उठा चुके हैं। यहां पुलिस मुख्यालय बनवाने के साथ ही नशा मुक्ति केंद्र बनवाने के लिए उन्होंने प्रयास किए थे। जो सफल रहे।
3 इलाकों में बंटे हैं मतदाता
डबवाली हलके में मुख्य 3 हिस्से हैं। बागड़ी, पंजाबी और शहरी। बागड़ी बेल्ट राजस्थान से सटा है, जहां चौटाला परिवार का दबदबा रहा है। वहीं, पंजाबी इलाके में पंजाबी और किसान वर्ग का अधिक प्रभाव है। यहां कांग्रेस-भाजपा को लाभ मिल सकता है। शहरी इलाके में 60 हजार वोट हैं। यहां सभी पार्टियां बराबरी पर हैं। कुल मिलाकर इस इलाके में अधिक वोट जाटों और जट सिखों के हैं। देखने वाली बात होगी कि इस बार यहां के मतदाता किसकी तरफ जाते हैं?
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