खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

BJP की बचेगी साख या सुरजेवाला का चलेगा जादू; HOT सीट कैथल पर कैसे हैं चुनावी समीकरण?

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। वहीं, 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। इस बार कैथल सीट पर कांटे का मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी में होगा। जाट समाज से 4 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं, गुर्जर समाज से दो लोग चुनाव लड़ रहे हैं।
02:45 PM Sep 17, 2024 IST | Parmod chaudhary
आदित्य सुरजेवाला, लीला राम।
Advertisement

Haryana Assembly Elections: पिछली बार की तरह इस बार भी कैथल विधानसभा सीट पर कांटे का मुकाबला है। यह सीट हरियाणा की हॉट सीटों में शुमार है। इस बार सुरजेवाला परिवार की तीसरी पीढ़ी मैदान में उतरी है। कांग्रेस ने यहां से राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला के बेटे पर दांव खेला है। जाति के लिहाज से बात करें तो यहां से 4 जाट और 2 गुर्जर उम्मीदवार मैदान में हैं।

Advertisement

ओम प्रभा जैन यहां से विधायक बनी थीं। जो प्रदेश की पहली वित्त मंत्री रहीं। वे यहां से दो बार जीतीं। लेकिन 2005 के बाद यहां सुरजेवाला परिवार का वर्चस्व रहा है। हरियाणा के पहले कृषि मंत्री रहे शमशेर सुरजेवाला का परिवार 5वीं बार यहां से लड़ रहा है। भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक लीला राम पर दांव खेला है। इस सीट पर कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।

आप और जेजेपी ने भी उतारे जाट

AAP और JJP ने जाट उम्मीदवारों को टिकट दिया है। आप से सतबीर गोयत और जेजेपी ने संदीप गढ़ी को मैदान में उतारा है। अनिल तंवर को INLD-BSP गठबंधन ने टिकट दिया है। वहीं, बलराज नौच जेजेपी से बागी होकर मैदान में उतरे हैं। इसलिए फाइट जाट और नॉन जाट के बीच मानी जा रही है। अभी कांग्रेस और बीजेपी से बगावत भी सामने नहीं आई है।

Advertisement

यह भी पढ़ें:BJP प्रत्याशियों के लिए प्रचार बना ‘सिरदर्द’, मुंह पर लगाई शर्त; तुम हारोगे…ऐसा था पूर्व मंत्री का रिएक्शन

इस सीट पर पहली बार 1967 में स्व. शमशेर सुरजेवाला जीते थे। वे 1977, 1982, 1991 और 2005 में भी विधायक बने। 1993 में वे सांसद चुने गए थे। सुरजेवाला पहली बार 1993 में यहां से उपचुनाव जीतकर विधायक बने थे। सुरजेवाला बाद में 1996, 2000, 2005, 2009, 2014 और 2019 में विधायक का चुनाव लड़े। 1996 और 2005 में उन्होंने पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को शिकस्त दी थी। 2005 और 2009 में सुरजेवाला हुड्डा सरकार में मंत्री रहे। लेकिन 2019 में कैथल से हार का सामना करना पड़ा।

तीसरी बार लीला राम मैदान में

अब उनके बेटे कैथल से मैदान में उतरे हैं। 2019 में लीला राम ने उनको हरा दिया था। अब बेटे का मुकाबला भी उन्हीं से है। लीला राम छात्र संघ के चुनाव भी लड़ चुके हैं। तीसरी बार कैथल से किस्मत आजमा रहे हैं। वे पहली बार 2000 में विधायक बने थे। उनको इनेलो ने टिकट दिया था। दूसरी बार उनका मुकाबला सुरजेवाला परिवार से है। कैथल सीट पर 220459 वोटर हैं। जिनमें 115566 पुरुष और 104892 महिलाएं शामिल हैं। 1 वोट थर्ड जेंडर का है। वहीं, इस सीट पर पंजाबी, वैश्य, गुर्जर और जाटों के बराबर वोट हैं। जाटों और गुर्जरों के 35-35 हजार वोट हैं।

पिछला चुनाव सुरजेवाला मामूली अंतर से हारे

पंजाबी और वैश्य के 25-25 हजार वोट हैं। एससी-बीसी के 70 हजार वोट हैं। अन्य वर्गों के 30 हजार वोट हैं। 2009 और 2014 में लगातार दो बार रणदीप सुरजेवाला ने यहां से इनेलो के कैलाश भगत को हराया था। लेकिन 2019 में सुरजेवाला को लीला राम ने महज 1246 वोटों से शिकस्त दी थी।

यह भी पढ़ें:टिकट वितरण में दिखा भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा की कितनी चली?

Open in App
Advertisement
Tags :
Haryana Assembly Elections 2024
Advertisement
Advertisement