निर्दलीय न बिगाड़ दें BJP-कांग्रेस का खेल, इन सीटों पर कांटे का मुकाबला... कौन किसको दे रहा टक्कर?
Haryana Assembly Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव में निर्दलीयों की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता। टिकट न मिलने पर कांग्रेस और बीजेपी के कई नेता आजाद चुनाव लड़ रहे हैं। मान-मनौव्वल के बाद भी ये लोग नहीं माने। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में कई ऐसी हैं, जहां निर्दलीय सीधी चुनौती दे रहे हैं। युवाओं और बुजुर्गों में इनको लेकर क्रेज दिख रहा है। जिसके बाद कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है। कई सीटें ऐसी हैं, जहां त्रिकोणीय मुकाबला है। हरियाणा के चुनाव मैदान में मुख्य चार दल हैं। बीजेपी और कांग्रेस के अलावा INLD और BSP गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, JJP-ASP ने गठबंधन कर कई सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।
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बीजेपी और कांग्रेस में मुख्य मुकाबला है। लेकिन कई सीटों पर दोनों के प्रत्याशियों का सियासी गणित निर्दलीय बिगाड़ रहे हैं। वहीं, पिछले चुनाव में जीते निर्दलीय भी इस बार फिर ताल ठोक रहे हैं। जिनकी लड़ाई भी आसान नजर आ रही है। ऐसी ही कुछ सीटों की बात करते हैं।
बलराज कुंडू का क्या होगा?
रोहतक जिले की महम सीट से पिछली बार बलराज कुंडू निर्दलीय जीते थे। रोहतक को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। 2019 के चुनाव में जिले की 4 में से 3 सीटें कांग्रेस ने जीती थी। महम से कांग्रेस के कई बार विधायक रह चुके आनंद सिंह दांगी को कुंडू ने हरा दिया था। इस बार भी यहां समीकरण कांग्रेस के लिए आसान नहीं लग रहे। कुंडू लगातार जनता के बीच में रहे हैं। बेटियों की पढ़ाई में बाधा न आए, उन्होंने फ्री बसें इलाके में लगवा रखी हैं।
बेटियों आरामदायक सफर कर अपने कॉलेज जाती हैं। फ्री में इन्हीं बसों में वापस आती हैं। बेटियों की सुरक्षा को लेकर कुंडू ने ये मुहिम शुरू की थी। वहीं, कुंडू इस इलाके में और भी सामाजिक कार्य भी करवा चुके हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि लोगों का कितना समर्थन उनको मिलता है? इस सीट से कांग्रेस ने दांगी के बेटे बलराम दांगी और बीजेपी ने दीपक हुड्डा को टिकट दिया है।
सावित्री किसको पहुंचाएंगी नुकसान?
हिसार की सीट से बीजेपी का टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल आजाद लड़ रही हैं। बीजेपी ने मौजूदा मंत्री कमल गुप्ता पर भरोसा जताया है। वहीं, कांग्रेस ने रामनिवास राड़ा को मैदान में उतारा है। लेकिन मुख्य मुकाबला सावित्री जिंदल और गुप्ता में ही माना जा रहा है। इलाके में उनकी पकड़ अच्छी बताई जा रही है। जिससे बीजेपी को नुकसान हो सकता है। सावित्री के बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद हैं। जिनके कहने के बाद भी मां ने चुनाव लड़ने से नाम वापस नहीं लिया।
चित्रा के आने से रोमांचक हुई फाइट
बीजेपी प्रत्याशी और कद्दावर मंत्री रहे अनिल विज की अंबाला कैंट सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है। कांग्रेस ने यहां से परविंदर सिंह परी को टिकट दिया है। वहीं, यहां से चित्रा सरवारा निर्दलीय लड़ रही हैं। जो अंबाला सिटी से कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह की बेटी हैं। लेकिन उनके मैदान में आने से कांग्रेस ही नहीं, बीजेपी के भी समीकरण बिगड़ते दिख रहे हैं। चित्रा लगातार ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं इलाके में कर रही हैं। जीत होगी या हार, यह तो 8 अक्टूबर को ही पता लगेगा।
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