धर्म बदला, Deputy CM का पद खोया; हरियाणा के सियासी गलियारे में आज भी होते हैं इस नेता की प्रेम कहानी के चर्चे
Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी फील्ड में पसीना बहा रहे हैं। कांग्रेस ने इस बार फिर पंचकूला से चंद्रमोहन को चुनाव मैदान में उतारा है। चंद्रमोहन 2019 का चुनाव हार गए थे। पार्टी ने उनको फिर से टिकट दिया है। उनकी एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके कारण एक समय वे काफी चर्चाओं में आ गए थे। चंद्रमोहन हरियाणा के सीएम रह चुके दिग्गज नेता भजन लाल के बड़े बेटे हैं। 2005 में जब हुड्डा की सरकार बनी तो उनको डिप्टी सीएम बनाया गया था। लेकिन चंडीगढ़ की वकील अनुराधा बाली उर्फ फिजा से शादी करने और धर्म बदलने के चलते काफी हो-हल्ला मचा था। जिसके बाद उनको मंत्री पद से हटा दिया गया था।
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चंद्रमोहन कुलदीप बिश्नोई के बड़े भाई हैं, जिनके बेटे को बीजेपी ने आदमपुर से टिकट दिया है। चंद्रमोहन हिमाचल प्रदेश के सोलन के चर्चित सनावर स्कूल से पासआउट हैं, जिन्होंने 90 के दशक में पढ़ाई के बाद राजनीति में प्रवेश किया था। इसके बाद लगातार 4 बार कालका की सीट से जीतते रहे। 2008 में वे एक दिन घर से गायब हो गए थे। तब कई प्रकार की बातें चली थीं।
कई साल सियासत से रहे दूर
बाद में चंद्रमोहन ने संदेश भेजा था कि वे तीर्थ यात्रा पर गए हैं। फिर वे नई दुल्हन अनुराधा बाली उर्फ फिजा के साथ लौटे। जिसके बाद हरियाणा की सियासत में भूचाल आ गया था। दोनों ने शादी के बाद अपना धर्म बदल लिया था। काफी हल्ला होने के चलते भूपेंद्र हुड्डा ने उनको अपनी कैबिनेट से हटा दिया था। वहीं, उनकी शादी भी सिर्फ 40 दिन चल सकी थी।
बाद में चंद्रमोहन कई साल सियासत से दूर रहे। इसके बाद 2014 में वे हजकां के टिकट पर हिसार की नलवा सीट से चुनाव लड़े। लेकिन हार गए। फिजा प्रकरण कई साल तक उनके पीछे लगा रहा। 1993 में चंद्रमोहन कालका से उपचुनाव जीते। साल 1996, 2000 और 2005 में भी इसी सीट से जीत हासिल की। 2009 में उनका टिकट कट गया। लेकिन कांग्रेस में आने के बाद फिर उनको 2019 में टिकट मिला। लेकिन जीत नहीं सके।
40 दिन में ले लिया था तलाक
बता दें कि चंद्रमोहन शादीशुदा थे। लेकिन बाद में अनुराधा से शादी करना चाह रहे थे। लेकिन धर्म बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जिसके बाद 7 दिसंबर 2008 को दोनों मीडिया के सामने आए। दोनों ने स्वीकार किया था कि अनुराधा बाली और चंद्रमोहन बिश्नोई ने नया नाम चांद मोहम्मद और फिजा रख लिया है। लेकिन 40 दिन बाद ही दोनों की राहें जुदा हो गईं। बाद में चंद्रमोहन दोबारा बिश्नोई बन गए थे।
वहीं, अगस्त 2012 में फिजा की लाश मोहाली स्थित घर में मिली थी। शव बुरी तरह सड़ चुका था। लोगों ने बदबू आने के बाद पुलिस को सूचना दी थी। जिसके बाद पुलिस को कुछ संदिग्ध चीजें भी मौके पर मिली थी। फिजा की मौत के बाद कई तरह के सवाल भी उठे थे।
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