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हरियाणा के वो नेता... जब भी विधायक बने, मंत्री की कुर्सी मिली; अहीरवाल बेल्ट में इनका खासा दबदबा

Haryana CM Oath Ceremony: नायब सिंह सैनी ने लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनकी कैबिनेट में 13 मंत्रियों को भी जगह मिली है। गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट से विधायक बने राव नरबीर सिंह को फिर मंत्री बनाया गया है। उनके बारे में जानते हैं।
06:50 PM Oct 17, 2024 IST | Parmod chaudhary
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Nayab Singh Saini Swearing In Ceremony: हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार ने दूसरी बार शपथ ले ली है। नायब सैनी के साथ 13 मंत्रियों ने भी शपथ ली है। इसी बीच एक ऐसे नेता की चर्चा करते हैं, जो इस सरकार में मंत्री बने हैं। लेकिन ये ऐसे नेता हैं, जो जब भी विधायक बने हैं, हमेशा मंत्री पद मिला है। इनका ये रिकॉर्ड कोई नेता नहीं तोड़ सका है। ये नेता हैं राव नरबीर सिंह। जिनके पिता, दादा भी विधायक रहे हैं। यानी राजनीति नरबीर सिंह को विरासत में मिली है। राव नरबीर सबसे पहले 25 साल की उम्र में मंत्री बने थे। वे हरियाणा के गृह राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाले सबसे कम उम्र के नेता हैं। नायब सैनी सरकार में भी उनको कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

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राव नरबीर सिंह की बात करें तो वे प्रदेश की कई सीटों पर चुनाव जीत चुके हैं। जाटूसाना सीट से जीतकर सबसे पहले विधानसभा पहुंचे थे। उनके दादा का नाम मोहर सिंह यादव है। जो संयुक्त पंजाब के समय एमएलसी रहे हैं। राव इंद्रजीत के बाद राव नरबीर सिंह को अहीरवाल इलाके का बड़ा नेता माना जाता है। 2014 में पहली बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनी थी। उस समय भी राव नरबीर सिंह को मंत्री बनाया गया था। लेकिन 2019 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था। जिसके बाद राव नरबीर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने उनको मना लिया था। जिसके बाद फिर वे पार्टी में लौट आए थे। हालांकि चुनाव नहीं लड़ा था।

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37 साल से नहीं टूटा रिकॉर्ड

राव नरबीर ने इस बार गुरुग्राम की बादशाहपुर सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस कैंडिडेट वर्धन यादव को 60705 वोटों से हरा दिया। चुनाव में उनको कुल 145503 वोट मिले थे। मतगणना शुरू होने के बाद उन्होंने बड़ी लीड बना ली थी। कांग्रेस पार्टी एक बार भी इस लीड का अंतर कम नहीं कर पाई। लगातार यहां से नरबीर बड़ी बढ़त बनाते रहे। बाद में जीत हासिल की। राव नरबीर ने 1987 में पहला चुनाव लड़ा था। 37 साल से विधायक बनने के बाद मंत्री बनने का उनका ये रिकॉर्ड कोई नेता नहीं तोड़ सका है।

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