हरियाणा में कांग्रेस का CM फेस के लिए 3 चेहरे मैदान में, हुड्डा-सुरजेवाला और शैलजा में कौन?

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में सत्ता की वापसी की कोशिशों में जुटी कांग्रेस अभी गुटबाजी की समस्या से जूझ रही है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने सीएम पद को लेकर होने वाली माथापच्ची से बचने के लिए दो फाॅर्मूले तैयार किए हैं।

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Haryana Congress CM Face

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Haryana Congress CM Face: हरियाणा में पिछले 10 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस वापसी की कोशिशों में जुटी है। चुनाव से पहले पार्टी सीएम चेहरे के ऐलान से परहेज कर रही है। कांग्रेस आलाकमान यह पहले से मानकर चल रहा है कि अगर पार्टी को बहुमत मिलता है तो सीएम की कुर्सी को लेकर विवाद होना तय है। ऐसे में पार्टी पहले से ही दो तय फाॅर्मूले पर काम कर रही है। आइये जानते हैं क्या है वो दो फाॅर्मूले जिस पर पार्टी काम कर रही है।

हरियाणा कांग्रेस फिलहाल गुटबाजी की समस्या से जूझ रही है। पार्टी फिलहाल दो खेमों में बंटी हुई है। पहला खेमा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है। वहीं दूसरे खेमे की अगुवाई कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और चौधरी बीरेंद्र सिंह कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 10 में से 5 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। ऐसे में कांग्रेस सत्ता में वापसी की आस लगाए बैठी है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो सीएम कौन बनेगा? क्या हुड्डा तीसरी बार सीएम बन पाएंगे या पार्टी आलाकमान 2005 की तरह किसी और चेहरे पर दांव खेलेगा।

ये है पार्टी की रणनीति

पार्टी ने गुटबाजी से निपटने के लिए दो फाॅर्मूले तैयार कर लिए हैं। सूत्रों की मानें तो सीएम फेस को लेकर चल रही माथापच्ची के बीच कांग्रेस आलाकमान ने तय किया है जो सबसे ज्यादा सीटें जीतेगा, उसे ही सीएम बनाया जाएगा। अगर पार्टी 46 के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाती है तो ऐसी परिस्थितियों में सरकार की कमान हुड्डा ही संभालेंगे।

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दूसरे फाॅर्मूले से सैलजा-सुरजेवाला को साधेगी पार्टी

वहीं दूसरे फाॅर्मूले के अनुसार अगर कांग्रेस 50-55 सीटें जीतती है तो शैलजा को सीएम फेस बनाया जाएगा। 4 बार की लोकसभा सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुकीं 63 साल की शैलजा, हुड्डा के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं।

इसलिए बनाए दो फाॅर्मूले

कांग्रेस आलाकमान शैलजा, सुरेजवाला और हुड्डा की तिकड़ी के बीच फंसा है। एक तरफ शैलजा और सुरजेवाला कांग्रेस आलाकमान के पसंदीदा नेताओं में से एक हैं तो वहीं दूसरी ओर सोनिया और राहुल के साथ हुड्डा के बहुत अच्छे संबंध हैं। पार्टी ने किसी भी नेता को बागी बनने से रोकने के लिए ये दो फाॅर्मूले बनाए हैं।

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