Haryana: क्या 'बागी' होंगे अनिल विज? CM बनने का सपना फिर से रह गया अधूरा!
Haryana Political Crisis News: हरियाणा के तेज-तर्रार नेता और अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले हरियाणा के गृह मंत्री रहे अनिल विज (Anil Vij) क्या एक बार फिर गच्चा खा गए हैं? क्या एक बार फिर से कहावत चरितार्थ हो गई, 'हाथ तो आया, पर मुंह न लगा'। भाजपा ने आज सुबह अचानक से ऐलान किया कि मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) इस्तीफा देने वाले हैं।
जजपा (JJP) के साथ गठबंधन टूटने के बाद निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर भाजपा फिर से सरकार बनाने वाली है। इन सब के बीच एक नाम जो मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पहले सामने आया, वह था अनिल विज। शायद अनिल विज ने भी कुछ महीनों के लिए ही सही, लेकिन हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में खुद को देखना शुरू कर दिया था, मगर हुआ उलटा।
मुख्यमंत्री तो छोड़िए, सूत्रों ने यह भी बताया कि नई सरकार में उनके पास गृह मंत्रालय भी नहीं होगा। इस वजह से नाराज होकर वह मीटिंग छोड़कर चले गए, मगर यह पहली बार नहीं है, जब अनिल विज 'अपनों' से नाराज हो गए। अब अटकलें यह भी लग रही हैं कि राजनीति में 30 साल से ज्यादा टाइम से जमे हुए अनिल विज बागी तो नहीं हो जाएंगे। वहीं सूत्रों के मुताबिक, खबर सामने आई है कि उन्हें नई सरकार में डिप्टी CM बनाए जाने की चर्चा चल रही है।
भाजपा को पहले भी कह चुके हैं अलविदा
ABVP के साथ 70 के दशक में ही अनिल विज BJP के संग जुड़ गए थे। 1990 में BJP की टिकट पर ही पहली बार विधानसभा पहुंचे। अंबाला कैंट सीट से विधायक सुषमा स्वराज राज्यसभा गईं तो उन्हें पार्टी ने चुनावी रण में उतारा। स्टेट बैंक की नौकरी छोड़कर वह चुनाव लड़े और जीते, मगर 5 साल बाद ही उन्होंने 1995 में BJP छोड़ दी। 10 साल तक उन्होंने अपनी राहें जुदा रखीं।
64 दिन लगे मनाने में
पिछले साल अनिल विज ने अपने ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। विज हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री थे और CAO के साथ विवाद हो गया। अनिल विज की नाराजगी दूर करने के लिए मनोहर लाल को 64 दिन का समय लगा और उनकी सभी शर्तें माननी पड़ीं। इस मुद्दे पर विपक्ष ने भी सरकार की चुटकी ली और जमकर कटाक्ष किए। मामला दिल्ली तक पहुंच गया। 15 नवंबर को CM संग मीटिंग हुई, लेकिन बर्फ नहीं पिघली। 7 दिसंबर को फिर मीटिंग हुई। उसके भी तीन दिन जाकर बात बनी।
सीएम बनने की जताई थी ख्वाहिश
हरियाणा के मुख्यमंत्री बनने का सपना अनिल विज लंबे समय से देख रहे हैं, लेकिन इस कुर्सी से उनकी दूरी बनी ही रही। साल 2014 वह हरियाणा से जीतने वाले पहले विधायक बने। इसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उन्हें CM की जिम्मेदारी दी जाती है तो वह अपना बेस्ट करेंगे।
उन्होंने कहा था कि वह 5 बार से विधायक हैं और वह विधानसभा में पार्टी के नेता भी रहे हैं। यही नहीं उनके समर्थक भी समय-समय पर उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर चुके हैं। विधायक बलराज कुंडू ने BJP छोड़ दी थी और खुलकर कहा था कि अगर अनिल विज को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो वह पार्टी में फिर लौट सकते हैं।
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