Lok Sabha Election 2024: बृजेंद्र सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा? पिता बीरेंद्र सिंह के साथ जॉइन कर सकते कांग्रेस
Haryana BJP MP Brijendra Singh Resigned: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा के हिसार जिले से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है और भाजपा भी छोड़ दी है।
उन्होंने आज अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पोस्ट लिखकर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया और यह कदम उठाने की वजह भी बताई।
सूत्रों के मुताबिक, बृजेंद्र सिंह आज अपने पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह के साथ कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं। दोनों पिता-पुत्र इस समय दिल्ली में हैं और थोड़ी देर में कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे।
भाजपा और सांसदी छोड़ने की घोषणा करते हुए दोनों पिता-पुत्र दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पहुंचे। अभी मीटिंग जारी और जल्दी ही कोई बड़ा ऐलान होने की संभावना है।
पोस्ट में बताई भाजपा छोड़ने की वजह
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बृजेंद्र सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा कि राजनीतिक कारणों से भाजपा और भाजपा का सांसद पद छोड़ रहा हूं। जनसेवा करने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का तहेदिल से आभारी हूं।
सूत्रों के मुताबिक, बृजेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव 2024 का टिकट कटने की संभावनाओं के चलते भाजपा छोड़ने का फैसला लिया है। भाजपा ने हरियाणा के 6 उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए हैं और जानकारी सामने आई है कि इसमें बृजेंद्र सिंह, बीरेंद्र सिंह दोनों का नाम नहीं है।
चुनाव टिकट नहीं मिलने के कारण ही बृजेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ी है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने उन्हें चुनाव टिकट दिलाने का वादा किया है।
IAS की नैकरी छोड़ बने राजनेता
बृजेंद्र सिंह हरियाणा के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। उन्होंने 1998 के बैच की IAS की नौकरी छोड़कर राजनीति का रुख किया था। बृजेंद्र सिंह को भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव का टिकट हरियाणा के हिसार जिले से दिया था और उन्होंने चुनाव भी जीत लिया था। उनकी हरियाणा के जाट समुदाय पर अच्छी पकड़ है और प्रदेश की कई जाट बहुल जिलों में उनके परिवार का राजनीतिक रुतबा है।
कौन हैं बीरेंद्र सिंह?
बीरेंद्र सिंह हरियाणा के कद्दावर जाट नेताओं में से एक हैं। इस समय वे राजनीति छोड़ चुके हैं, लेकिन वे भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में रहे। उन्होंने साल 2019 में सक्रिय राजनीति से संन्यास लिया था। उन्होंने इस शर्त पर राजनीति और केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ा था कि भाजपा उनके बेटे बृजेंद्र सिंह को चुनाव टिकट दे।
बीरेंद्र सिंह ने साल 2014 में कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का कमल का फूल थामा था। भाजपा ने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया। केंद्रीय इस्पात मंत्री का पद दिया। वे साल 2022 तक राज्यसभा सांसद रहे। 5 बार 1977, 1982, 1994, 1996, 2005 में उचाना से विधायक रहे। 3 बार हरियाणा सरकार में मंत्री रहे।
1984 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से ओम प्रकाश चौटाला को हरियाणा था और सांसद बने थे। 2010 में कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य बने। 2014 में राज्यसभा पद से इस्तीफा दे दिया। 2014 में ही कांग्रेस से करीब 42 साल पुराना रिश्ता तोड़कर भाजपा जॉइन की। जून 2016 में भाजपा ने उन्हें हरियाणा से राज्यसभा में भेज दिया।