Manohar Lal Khattar क्यों हटाए गए? जान लें 5 कारण
Manohar Lal Khattar CM Post Removal Reasons: हरियाणा में आज खूब सियासी खेल चला। लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मियों के बीच भाजपा ने बड़ा गेम खेल दिया। सुबह-सुबह खबर आई कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस्तीफा देंगे और करनाल से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ेंगे। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। पूरी कैबिनेट भंग हो गई और इसके साथ ही जजपा के साथ भाजपा का हरियाणा में गठबंधन टूट गया।
फिर नए सिरे से सरकार बनाने के लिए चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक बुलाई गई। इस बीच खबर आई कि अनिल विज को प्रदेश का नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। अचानक खबर बदली और नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला ले लिया गया। अनिल विज नाराज होकर विधायक दल की बैठक छोड़कर चले गए। कहा जा रहा है कि वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, जबकि दूसरी तरफ सुनने में यह भी आया है कि उन्हें नई सरकार में गृह मंत्रालय नहीं दिया जा रहा है।
इन सभी उल्टफेरों के बीच नायब सैनी मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों और लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर मनोहर लाल खट्टर क्यों हटाए गए? सिर्फ लोकसभा चुनाव 2024 लड़वाना वजह है या भाजपा इसके पीछे कोई मास्टरगेम खेल रही है, आइए 5 पॉइंट में जानते हैं सारा माजरा...
लोकसभा चुनाव 2024
मनोहर लाल खट्टर के अचानक हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का कारण लोकसभा चुनाव 2024 हैं। भाजपा मनोहर लाल को हरियाणा के करनाल जिले से लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहती है। ऐसा करके भाजपा जहां पंजाबियों का वोट बैंक साध लेगी, वहीं करनाल और रोहतक के वोटरों का साथ भी मिल जाएगा, क्योंकि खट्टर इन्हीं दोनों जिलों से संबंध रखते हैं।
OBC वोट बैंक साधना
हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से मनोहर लाल खट्टर को हटाने की एक वजह OBC वोट बैंक हो सकता है। लोकसभा चुनाव 2024 सिर पर हैं। उसके बाद जून 2024 में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस दोनों चुनाव में हरियाणा में जीत दर्ज करने के लक्ष्य से भाजपा ने गेम खेला। मनोहर लाल को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने OBC वोट बैंक साध लिया है, क्योंकि नायब सैनी OBC समुदाय से आते हैं।
किसान आंदोलन
हरियाणा में हुई 'सियासी सर्जरी' और मुख्यमंत्री पद से मनोहर लाल खट्टर को हटाने का कारण किसान आंदोलन हो सकता है। क्योंकि किसान आंदोलन ने पिछली बार भी हरियाणा और पंजाब से हुंकार भरी थी। इस बार भी आंदोलन हरियाणा-पंजाब से ही पनपा। कहीं न कहीं किसान आंदोलन भी हरियाणा में हुए सियासी खेल की वजह हो सकता है।
जजपा से पीछा छुड़ाना
हरियाणा में पिछले 3 महीनों से भाजपा और जजपा गठबंधन को तोड़ने की मांग उठ रही थी। जजपा भी भाजपा से 2 लोकसभा चुनाव सीटें मांग रही थी। अगर नहीं दी जाती तो जजपा बागी हो सकती थी। वह कांग्रेस के INDI गठबंधन से हाथ मिलाकर हरियाणा की भाजपा सरकार को गिरा सकती थी। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं तो भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। इसलिए अचानक मनोहर लाल का इस्तीफा दिला दिया। निर्दलीयों का समर्थन लिया और जजपा से पीछा छुड़ा लिया।
कांग्रेस को मात देना
हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को मात देने के लिए भी भाजपा ने गेम खेला है, ऐसा माना जा रहा है। एक तो भाजपा-जजपा का गठबंधन टूट गया। इससे दोनों का फायदा होगा। एक भाजपा हरियाणा की सभी 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। दूसरा जजपा भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। दोनों पार्टियों का वोट बैंक अलग-अलग है। जजपा भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाएगी और भाजपा जजपा के वोट बैंक को साधेगी। इससे कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।