Haryana के पिछले चुनावों से कैसे अलग है 2024 का विधानसभा चुनाव, 10 पॉइंट्स में समझें
Haryana Assembly Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद पूर्ण राज्य के दर्जे वाला हरियाणा पहला राज्य है, जहां विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। मोदी सरकार के दो कार्यकाल के मुकाबले इस बार विपक्ष ताकतवर है। वहीं बीजेपी तीसरी बार सत्ता में लौटने के लिए जोर आजमाइश कर रही है। मनोहर लाल खट्टर और नायब सिंह सैनी के तौर पर दो मुख्यमंत्रियों के साथ बीजेपी जोरदार सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है। हरियाणा के इस चुनाव में ऐसी बहुत सारी चीजें हैं, जो 2024 के इलेक्शन को पिछली चुनावों से अलग बनाती हैं।
1. Haryana Assembly Election 2024 Key Candidates: हरियाणा के इस चुनाव में ओलंपिक चैंपियन महिला पहलवान विनश फोगाट की सीट पर सभी की निगाहें हैं। विनेश कांग्रेस के टिकट पर जुलाना सीट से चुनावी मैदान में हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह लाडवा सीट से चुनावी मैदान में हैं। इनके साथ ही गढ़ी सांपला किलोई सीट से भूपिंदर सिंह हुड्डा, ऐलनाबाद से इनेलो के अभय चौटाला, उचाना कलां से दुष्यंत चौटाला और अंबाला कैंट से कद्दावर बीजेपी नेता अनिल विज, अटेली सीट से बीजेपी की आरती राव, नारनौंद से कैप्टन अभिमन्यु के प्रदर्शन पर सभी की निगाहें रहेगी।
2. Who will win Haryana Election 2024: हरियाणा में इस बार मेन मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच देखने को मिल रहा है। लेकिन इनेलो ने बहुजन समाज पार्टी के साथ तो जेजेपी के दुष्यंत चौटाला ने आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। आम आदमी पार्टी 90 सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है।
3. Haryana Election 2024 BJP vs Congress vs AAP: हरियाणा में इस बार आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं है। अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी अलग चुनाव लड़ रही है। लिहाजा इस बार का चुनाव कांग्रेस बनाम बीजेपी बनाम आम आदमी पार्टी बन गया है।
4. Kumari Selja & Ashok Tanwar: हरियाणा चुनाव में इस बार लड़ाई दलित वोटों की है। हर पार्टी की कोशिश दलितों वोटों को हासिल करने की है। इसी दांव में बीजेपी ने कुमारी शैलजा को पार्टी ज्वॉइन करने का ऑफर दे दिया। कांग्रेस ने 3 अक्टूबर को चुनावी प्रचार खत्म होने से पहले अशोक तंवर को तोड़कर बता दिया कि दलित वोटों को हासिल करने के लिए पार्टी आखिरी दम तक कोशिश कर रही है।
5. Gopal Kanda Sirsa Seat: हरियाणा के चुनाव निर्दलीय विधायकों की हमेशा निर्णायक रहती है। इसके साथ ही छोटी पार्टियों के नेता अहम भूमिका निभाते हैं। सिरसा सीट से गोपाल कांडा के प्रदर्शन पर इस बार सबकी नजरें रहेंगी। बीजेपी ने गोपाल कांडा के समर्थन में अपना प्रत्याशी हटा लिया है। कांडा का मुकाबला कांग्रेस के गोकुल सेतिया से है। इनेलो और बसपा ने भी कांडा को समर्थन दिया है।
6. Gurumeet Ram Rahim Factor: डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम के पैरोल का मुद्दा भी हरियाणा चुनाव में खूब चर्चा में रहा है। प्रचार के दौरान राम रहीम को पैरोल मिली थी और वोटिंग से पहले राम रहीम को पैरोल मिली। हरियाणा की 30 सीटों पर राम रहीम के समर्थक प्रभावी हैं। माना जाता है कि हरियाणा में राम रहीम के 50 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं।
7. Main Election Issue in Haryana: हरियाणा चुनाव में किसान आंदोलन के बाद उपजे मुद्दे हावी हैं। एमएसपी की लीगल गारंटी के साथ आंदोलन के दौरान किसानों की मौत का मुद्दा भी हावी है। कांग्रेस ने आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों के लिए बड़े ऐलान किए हैं। इसके साथ ही पहलवान बेटियों के अपमान का मुद्दा भी हावी है।
8. Ranjit Singh Chautala Vs Abhay Chautala: हरियाणा चुनाव में रणजीत चौटाला रानियां सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने टिकट कटने पर बीजेपी छोड़ दी थी, रणजीत चौटाला के सामने देवीलाल के पड़पोते और पार्टी के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं।
9. Savitri Jindal Hisar Seat: हिसार सीट से सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। सावित्री देश की सबसे अमीर महिला हैं। बीजेपी से टिकट कटने के बाद सावित्री निर्दलीय चुनाव लड़ीं। उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। 1999 से 2005 तक जिंदल परिवार 5 बार हिसार से चुनाव जीता है। सावित्री जिंदल के सामने बीजेपी ने कमल गुप्ता को टिकट दिया है।
10. Rahul Gandhi Yatra in Haryana: हरियाणा में कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव लड़ती दिख रही है। हुड्डा और शैलजा की सीएम पोस्ट को लेकर मारामारी को छोड़ दें तो पार्टी का चुनाव अभियान ठोस रहा है। दीपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा ने यात्राओं के जरिए प्रचार की जिम्मेदारी संभाली तो आखिरी दिनों में राहुल गांधी ने चार दिन हरियाणा में यात्रा करके पार्टी के प्रचार को धार दिया। बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का दावा कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी के प्रचार अभियान की कमान संभाली।