IND-W vs AUS-W: 89/4 और फिर 100 पर सिमट गई पूरी टीम..., कब तक बचकानी गलतियां करती रहेगी टीम इंडिया
INDW vs AUSW: 2017 महिला वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल। 38 रन जोड़कर भारतीय टीम ने गंवा दिए छह विकेट। विश्व कप हाथ में आते-आते रह गया। 2020 में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भी कुछ ऐसा ही हाल हुआ। तीन साल बाद खेले गए टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में भी यही कहानी दोहराई गई। 29 रन बनाकर टीम इंडिया की छह बैटर पवेलियन की ओर चल पड़ी और फिसल गया फाइनल का टिकट। कॉमनवेल्थ गेम्स का गोल्ड मेडल भी कुछ इसी तरह से हाथ से आते-आते निकल गया था। साल दर साल एक ही गलती की वजह से भारतीय टीम कई सुनहरे पलों को गंवा चुकी है, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो सकते थे। मगर हरमनप्रीत की सेना एक ही गलती से सबक लेने को तैयार ही नहीं है।
फिर दोहराई गई वही पुरानी कहानी
बड़े मैचों में हार पर हार और हाथ से फिसलते ऐतिहासिक पलों के बावजूद भारतीय महिला क्रिकेट टीम अपनी एक गलती को नहीं सुधार पा रही है। हर बड़े मैच में टीम का बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर जाता है। मैच में अच्छी स्थिति में नजर आ रही हरमनप्रीत की सेना एकदम से विपक्षी टीम के आगे घुटने टेक देती है। यही हाल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही वनडे सीरीज के पहले ही मुकाबले में देखने को मिला है। 89 रन के स्कोर पर 4 विकेट खोकर ठीक-ठाक स्थिति में दिख रही टीम इंडिया पलक झपकते ही 100 रन पर ढेर हो गई।
they literally loosing but doesn't matter at all they all are laughing they always loosing and always laughing and travelling and making reels total shit total shittt bhai kya support kru women cricket ko! #INDWvsAUSW #INDvsAUS #BGT2025 #Adelaide #ruturajgaikwad #abhisheksharma pic.twitter.com/Y4gRI0QguQ
— Yash (@yash_saharan02) December 5, 2024
11 रन के अंदर छह बैटर पवेलियन की ओर चल पड़ीं। भारतीय टीम के बैटिंग ऑर्डर का इस तरह से घुटने टेकना कोई नई बात नहीं है। मगर सवाल यह है कि एक ही गलती को हर बार क्यों दोहराती है टीम इंडिया? क्यों एक ही वजह से हर बार देखना पड़ता है हार का मुंह। इस सवाल का जवाब भारतीय टीम मैनेजमेंट को हर हाल में खोजना होगा।
दिग्गज बैटर हुईं फ्लॉप
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे में टीम इंडिया की स्टार बैटर बुरी तरह से फ्लॉप रहीं। स्मृति मंधाना 10 गेंदों का सामना करने के बाद सिर्फ 8 रन बनाकर चलते बने। कप्तान हरमनप्रीत कौर भी बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकीं और 17 रन बनकार चलती बनीं। जेमिमा रोड्रिग्स ने शुरुआत तो अच्छी की, लेकिन 23 रन बनाने के बाद वो भी पवेलियन लौट गईं। दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष से भी काफी उम्मीदें थीं मगर वो भी टीम को मझधार में छोड़कर चलती बनीं। 101 रन के लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने 16.2 ओवर में सिर्फ पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया।